राजा भैया के पिता उदय प्रताप तीसरे दिन भी नजरबंद, मुहर्रम गेट विवाद से बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। मुर्हरम के मौके पर लेकर लगाए गेट को हटाने की मांग पर कुंडा विधायक राजा भैया के पिता उदय प्रताप अब भी अडिग हैं। उनको शुक्रवार से प्रशासन ने भदरी कोठी में नजरबंद कर रखा है। वह रविवार को तीसरे दिन भी नजरबंद रहे। इधर शेखपुर में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगाते हुए पुलिस ने वहां से जुड़े रास्तों पर नाकेबंदी कर दी है।
चस्पा नोटिस में रविवार तक हाउस अरेस्ट रहने का है उल्लेख
भदरी कोठी के गेट पर धारा 144 का हवाला देते हुए नजरबंदी का जो नोटिस चस्पा किया गया है। उसमें रविवार तक आदेश प्रभावी रहने का जिक्र है। इसको लेकर कोठी के अंदर पुलिस.पीएसी का पहरा लगा है। प्रशासन का प्रयास है कि मुहर्रम तक वह बाहर न निकल पाएं, ताकि धरना न दे सकें। इधर पर्व को देखते हुए शेखपुर आशिक में रविवार को सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई। सुरक्षा में पुलिस लाइन के साथ ही एक प्लाटून पीएसी के जवान भी लगाए गए हैं। वह भदरी कोठी के आसपास नजर रखे हैं।
मुहर्रम जैसे.जैसे नजदीक आ रहा है वैसे.वैसे प्रशासन और अलर्ट होता जा रहा है। भदरी कोठी में राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद करने के बाद प्रशासन ने शेखपुर आशिक में बाहरी लोगों का आना.जाना रोक दिया है। इसके लिए इस ओर आने रास्ते को सील कर दिया है।प्रयागराज.लखनऊ हाईवे से शेखपुर आशिक गांव के लिए निकलने रास्ते पर पीएसी व पुलिस का कड़ा पहरा है। चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध है। गांव से एक बार बाहर निकलने वाले चार पहिया वाहन दूसरी बार प्रवेश नहीं करने पा रहे हैं। प्रशासन ने शेखपुर आशिक गांव के रास्ते से जुड़े मदरियापुर एवं कुंडा बिहार.मार्ग से शेखपुर के लिए कटे रास्ते पर भी पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया है। प्रयास है कि कि बाहरी लोग शेखपुर में प्रवेश नही कर पाएंगे। कुंडा कोतवाल प्रदीप कुमार का कहना है कि यह सब सतर्कता मुहर्रम को देखते हुए बरती जा रही है।
हर साल होती है प्रशासन की अग्निपरीक्षा
शेखपुर का मुहर्रम प्रकरण प्रशासन के लिए सिरदर्द बना है। यहां उसकी अग्निपरीक्षा होती है। हालांकि अब तक सब शांति से बीतता रहा है। कई साल उदय प्रताप मुहर्रम के ही दिन शेखपुर में भंडारा करते रहे हैं। छह साल से प्रशासन इसकी अनुमति नहीं दे रहा हैए फिर भी वहां बने मंदिर में उस दिन दर्शन व प्रसाद चढ़ाने को लोग आते हैं।