Sunday, May 5, 2024
नई दिल्ली

20 साल बाद आरोपी को उम्रकैद, 59 कारसेवकों की हुई थी मौत……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

गोधरा। 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में गोधरा कोर्ट ने एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस घटना में 59 कारसेवक मारे गए थे। गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को आरोपी रफीक भाटुक को उम्रकैद की सजा सुनाई। भटुक को फरवरी 2021 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा पिछले साल उसकी गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ था।

भटुक अब तक का 35वां आरोपी

27 फरवरी 2022 को भटुक पर अयोध्‍या से कारसेवकों को लेकर लौट रही एक ट्रेन पर आग लगाने के मामले में शामिल होने का आरोप है। इस घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसकी वजह से सांप्रदायिक दंगे भी हुए थे। जिसमें 1200 से भी अधिक लोग मारे गए थे। विशेष लोक अभियोजन आर सी कोडेकर से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में भटुक अब तक 35वां आरेापी है जो अदालत में दोषी साबित हो चुका है।

11 को मौत की सजा 20 को उम्रकैद

भटुक को पिछले साल पंचमहल पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाकर गोधरा शहर के एक इलाके से हिरासत में लिया था। आरोपी साबित होने के बाद वो फरार हो गया था। इस दौरान वह कई शहरों में रहा। विशेष एसआइटी कोर्ट ने इससे पहले इस मामले में 1 मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी ठहराया था जिसमें से 11 को मौत की सजा सुनाई गई थी जबकि 20 आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली थी।

अक्‍टूबर 2017 में गुजरात उच्‍च न्‍यायालय ने एसआइटी अदालत द्वारा दोषियों को दी गई सजा को बरकरार रखते हुए 11 दोषियों को मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। इसके बाद इस मामले के तीन और आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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