जब विचाराधीन कैदी को भी भोजन.पानी पहुंचता है तो शिवलिंग को क्यों नहीं, अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने उठाया सवाल…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। ज्ञानवापी में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिली शिवलिंग आकृति के पूजन से रोके जाने के विरोध में श्रीविद्यामठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का अनशन तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में भी प्राणधारी देवता को तीन वर्ष के बालक के समकक्ष समझा जाता है। ऐसे में ज्ञानवापी क्षेत्र में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेश्वर को भी अन्न जल पहुंचना चाहिए। सवाल उठाया कि जब हत्या मामले में विचाराधीन कैदी को भी भोजन.पानी की व्यवस्था की जाती है तो विश्व के नाथ भगवान विश्वेश्वर को अन्न जल क्यों नहीं। इससे हृदय आहत है।
समर्थन में संत महंत, डंडी संन्यासियों ने रखा मौन व्रत
दिल्ली से गोरक्षा महाअभियान समिति के प्रचारमंत्री स्वामी त्रिभुवन दास, महामंत्री जय प्रकाश गुर्जर सनातनी और माता कैलाशानंद गिरी श्रीविद्यामठ पहुंचीं और स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द के आंदोलन को समर्थन दिया। वहीं असि के मुमुक्षु भवन में रहने वाले दंडी स्वामियों और गंगा सेवा अभियानम के लोगों ने मौन धरना दिया। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्चरानंद तीर्थ ने कहा कि आदि विश्वेश्वर प्रकट हो चुके हैं। उन्हें पूजा.भोग व आरती से वंचित रखना करोड़ों सनातनियों व भगवान शिव के साथ अन्याय है। गंगा सेवा अभियान के भारत प्रमुख राकेश चंद्र पांडेय, स्वामी केशवानंद, स्वामी रामदेव आश्रम, गणेश जायसवाल स्वामी नारायण आश्रम आदि थे।