अधिकारियों के फर्जी साइन कर ठेकेदारों ने निकाल ली एफडी की धनराशि……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
नगर निगम में 80 फीसदी ठेकेदारों ने निर्माण कार्यों के टेंडर लिए और बीच में ही काम रोक दिया। इसके बाद इंजीनियर, बाबुओं से साठगांठ कर अधिकारियों के फर्जी साइन करके समय से पहले ही लाखों रुपये की सावधि जमा रसीद एफडीआर बैंकों से निकाल ली। मामले में मेयर ने नगरायुक्त को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों से कराने के लिए कहा है। मुख्य अभियंता से दो दिन के अंदर चार साल में बैंकों से एफडी निकालने वाले ठेकेदारों को चिन्हित कर रिपोर्ट मांगी गई है।
उपसभापति महेश राजपूत समेत अन्य पार्षदों ने मेयर को लिखित में शिकायत की थी कि ठेकेदारों ने टेंडर लेकर निर्माण कार्य शुरू नहीं किए हैं। वार्ड 78 सूफी टोला के पार्षद मो. अंजुम शमीम ने शिकायत पत्र देकर कहा था कि उनके वार्ड के घेर जाफर खां से ईशा पब्लिक स्कूल व पैराइडाइज शादी हॉल से मुन्ना खां के नीम की मठिया तक भाटिया ठेकेदार द्वारा 2021 में सड़क के दोनों ओर की नाली, हॉटमिक्स सड़क का निर्माण का टेंडर दिया गया था। ठेकेदार ने बीच में ही सड़क को अधूरा छोड़ दिया। इसकी तरह कूर्चांचल नगर से बड़ी बिहार होते हुए सौ फुटा रोड तक नाला निर्माण कार्य 15वें वित्त आयोग की बैठक से स्वीकृत हुआ था। जिसका टेंडर भी भाटिया की फर्म दिया गया। एक साल बीतने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया। ऐसे तमाम ठेकेदार है जिन्होंने टेंडर लेने के बाद काम अधूरे छोड़ दिए है। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने बताया कि 80 फीसदी ठेकेदारों ने बैंकों से एफडी निकाल ली है। यह नगर निगम को भारी नुकसान है। निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता से 2018.19 से 2021.22 तक किए गए काम और उनके दस्तावेजों को मांगा है। मेयर ने बताया कि बिना विभागीय मिलीभगत के बैंकों से एफडी को नहीं निकाला जा सकता है। यह एफडी पांच साल के लिए बैंक में जमा हो जाती है। ठेकेदार अगर काम में गड़बड़ी करते हैं तो नगर निगम इनकी एफडी को जब्त कर लेता है।