धान की उत्तम प्रजाति का बीज देख रहे हैं वाराणसी के किसान, अधिक उत्पादन और सुगंधित दोनों पसंद……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। धान की बुआई को लेकर किसानों ने ब्लाकों पर स्थित राजकीय बीज भंडारों पर पहुंचना शुरू कर दिया है। यहां किसान धान की उत्तम प्रजाति के बीज देख रहे हैं। शिवपुर निवासी किसान राम प्रसाद बताते हैं कि धान की फसल उपजा कर नकदी प्राप्त करने पर अधिक जोर होता है। ऐसे में अभी धान की प्रजाति एचयूआर.917, एचयूआर 917 प्रमाणित भी है। कृषि विभाग के उपनिदेशक एके सिंह के मुताबिक बीज की प्रजातियों पर अनुदान निर्धारित है।
आंधी.तुफान में भी नहीं गिरता है एचयूआर.917
धान की प्रजाति एचयूआर.917 साल 2008.09 में विकसित की गई थी। लगातार चार साल परीक्षण के बाद दिसंबर, 2014 में यूपी सरकार ने विमोचित किया गया और 12 अक्टूबर, 2015 को भारत सरकार द्वारा किसानों के खेती करने के लिए इसे खुला किया गया है। इस प्रजाति की खासियत है कि यह अन्य स्थानीय सुगंधित प्रजातियों की तुलना में अधिक उत्पादन ;55.60 कुंतल/हेक्टेयर देने वाली छोटे दाने की चावल की सुगंधित प्रजाति है। यह प्रजाति 140.145 दिनों में पक के तैयार हो जाती है। इसके पौधों की लंबाई 100.110 सेमी होता है। जिससे यह काफी मजबूत और सीधे खड़े रहते हैं। यह तेज आंधी.तुफान में भी गिरते नहीं है। जबकि स्थानीय सुगंधित छोटे दाने वाली प्रजातियों के पौधों की लंबाई 160 सेमी होती है। इससे वे अक्टूबर के महीनों में चलने वाले तेज हवाओं में गिर जाते हैं। जिसकी वजह से पैदावार कम होती है।