कोरोना से मरी हुई महिला हुई जिंदा, कहा नहीं चाहिए मुआवजा…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
अलीगढ़। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में खूब लापरवाही हुई है। शहर के एक निजी अस्पताल ने तो एक जिंदा महिला को ही मृतक दर्ज करा दिया। यह सच तब सामने आया। जब प्रशासन की तरफ से महिला के स्वजन को आर्थिक सहायता के लिए फोन किया गया। कर्मचारी ने जैसे ही संबंधित रिकार्ड में दर्ज मृत महिला का नाम लिया तो जवाब मिला कि वह खुद बोल रही हैं। मुआवजे की बात सुन हैरान रह गई। बोली साहब.मैं जिंदा हूं। मुआवजा नहीं चाहिए। इस मामले ने अधिकारियों को भी चौंका दिया है। अब कोरोना पोर्टल से महिला का नाम हटाया जा रहा है। वहीं एक अन्य व्यक्ति का नाम दो बार पोर्टल पर दर्ज मिला है।
अस्पताल से ठीक होकर गई थी
सरकार ने कोरोना से मृतक लोगों के स्वजन को 50.50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिले में पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर दर्ज मृतकों के स्वजन को प्राथमिकता से यह लाभ दिया जा रहा है। कलक्ट्रेट व स्वास्थ्य विभाग से इन मृतकों के स्वजन को फोन किया जाता है। इसके बाद लाभ देने की प्रक्रिया शुरू होती है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की ओर से पोर्टल पर मृतक के रूप में दर्ज मेलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी के स्वजन को फोन किया गया। विभागीय कर्मचारी को उम्मीद थी कि शकुंतला देवी के परिवार से कोई फोन उठाएगा। लेकिन उधर से आवाज आई कि खुद शकुंतला देवी ही बोल रही हैं। ऐसे में कर्मचारी सकते में आ गया। इसके बाद दोबारा से कई बार पुनः जांच के लिए फोन किया गया। इसमें उनके स्वस्थ रहने की बात सामने आई। स्वजन ने बताया कि वह कोरोना में सात दिन बाद ही अस्पताल से ठीक होकर घर आ गई थीं।