Saturday, April 27, 2024
उत्तर-प्रदेश

प्रधानों के और बढ़ेंगे अधिकार, जानिए क्या कदम उठाने जा रही है योगी सरकार

प्रधानों की समस्याओं के समाधान और अधिकारों में बढ़ोतरी पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है। जल्द ही प्रदेश के सभी 58 हजार से अधिक प्रधानों को लखनऊ बुलाकर मुख्यमंत्री इसका निर्णय ले सकते हैं। पंचायतीराज संवाद कार्यक्रम में शुक्रवार को पंचायतीराज और ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। पंचायतीराज निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग की तुलना में, जो काम प्रधान कराते हैं उसकी गुणवत्ता बेहतर होती है।

लीकेज नहीं होता या बहुत कम होता है। प्रधानों के जरिए पैसे का सदुपयोग अन्य एजेंसियों की तुलना में बेहतर ढंग से होता है। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रभूषण पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह, पंचायतीराज निदेशक अनुज कुमार झा, उपनिदेशक एस.एन. सिंह समेत बड़ी संख्या में प्रधान व अन्य पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने ग्लोबल ग्राम प्रोजेक्ट का विमोचन भी किया।

बेहतर काम करने वालों को मिला पंचायत पथिक सम्मान  

अपनी पंचायतों में उल्लेखनीय काम करने वाले पांच जनप्रतिनिधियों को अपर मुख्य सचिव ने पंचायत पथिक सम्मान से सम्मानित किया। इसमें गोरखपुर में कौड़ीराम के तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य विनय वर्मा स्वर्णकार, लखनऊ की लतीफपुर पंचायत की पूर्व प्रधान श्वेता सिंह, सिद्धार्थनगर की हुसड़ी अवसानपुर पंचायत के प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी, अम्बेडकर नगर की थरियाकला की प्रधान अर्चना सिंह व बाराबंकी की चैनपुरवा पंचायत के इंजीनियर निमित सिंह को सम्मानित किया गया।

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