Friday, April 19, 2024
उत्तर-प्रदेशचंदौली

चंदौली सांसदः इस राज्य में होने वाले गोलमेज सम्मेलन के होंगे मुख्य अतिथि ……इतने दिसंबर को होगा…इलेक्ट्रानिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए…..विश्व में 11 वें स्थान पर है……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

चंदौली। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय एमएचआई द्वारा 4 दिसंबर 2021 को गोवा में आयोजित होने वाले गोलमेज सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे।

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सम्मेलन में राज्यों के परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव/वरिष्ठ अधिकारियों, मोटर वाहन क्षेत्र के उद्योग के अग्रणीकारोबारियों, स्टार्ट अप्स और तकनीकी विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। भारी उद्योग राज्यमंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर बतौर विशिष्ट अतिथिसम्मेलन में मौजूद रहेंगे। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत मुख्य भाषण देंगे। सम्मेलन का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की पसंद को प्रोत्साहन देने के लिए रणनीति तैयार करना और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी तथा उच्च प्रौद्योगिकी ऑटोमोटिव कंपोनेंट के विनिर्माण के क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना है।

ऑटोमोबाइल का क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का मुख्य संचालक है और विनिर्माण क्षेत्र में इसका सबसे ज्यादा योगदान है। ऑटोमोबाइल उद्योग का योगदान भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में करीब 6.4 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र की जीडीपी में 35 प्रतिशत है। यह अग्रणी रोजगार प्रदाता भी है।

दुपहिया तिपहिया और ट्रैक्टर विनिर्माण में भारत का स्थान दुनिया में अव्वल है और यात्री व वाणिज्यिक वाहन विनिर्माण में यह पांचवें नंबर 5 पर है। देश में मूल उपकरण विनिर्माताओं ओईएम का विस्‍तार 11.7 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ 80.8 अरब अमेरिकी डॉलर है। ऑटो कंपोनेंट कारोबार का विस्‍तार 57 अरब डॉलर का है जिसमें 15 अरब डॉलर का निर्यात होता है और 17ण्7 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात।

मूल्य के मदोंमें भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग का दर्जा विश्व में 11वें स्थान पर है। क्योंकि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों में नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर कम मूल्य कम प्रौद्योगिकी उत्पादों में सफल रहा है। भारत का स्थान 1ण्5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल निर्यात के साथ भारत का हिस्सा 2 प्रतिशत से भी कम है। उन्नत ऑटोमोटिव घटकों में भारत की हिस्सेदारी वैश्विक स्तर पर 18 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 3 प्रतिशत है। वैश्विक हिस्सेदारी 2030 तक 30 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।

महामारी के बाद की दुनिया में जलवायु परिवर्तन पर नए सिरे से जोर देने के साथ वैश्विक ऑटोमोटिव परिदृश्य में एक व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है। जिसमें भविष्य की प्रौद्योगिकी यानी शून्य उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहन को बड़ा प्रोत्साहन मिल रहा है। ईवी घटकों में नवाचार और तकनीकी उपलब्धियां इस बदलाव में मददगार रही हैं। भारत सरकार ने हाल ही में संपन्न सीओपी.26 शिखर सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। भारत सरकार जलवायु परिवर्तन की चिंताओं के मद्देनजर और आयातित तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए ईवी में परिवर्तन की दिशा में तेजी लाने के कार्य को प्रोत्साहन दे रही है तथा इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए गए हैं।

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