कालाकांकर के राजकुमार की प्रेम कहानी ने पैदा कर दी थी भारत, रूस व अमेरिका के रिश्तों में खटास…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। प्रतापगढ़ का नाम आते ही अमृत फल आंवला और यहां के राज घरानों की चमक.दमक बरबस ही सामने आ जाती है। यहां के आंवले ने देश.विदेश में धूम मचा रखी है तो राजघरानों के किस्से व कहानियों की चर्चा भी देश और उसकी सीमाओं के बाहर होती रहती है। इन्हीं कहानियों में एक रोचक प्रसंग है कालाकांकर प्रतापगढ़ राज परिवार के बृजेश सिंह और सोवियत संघ रूस के तानाशाह एवं कम्युनिस्ट पार्टी के मुखिया रहे स्टालिन की बेटी स्वेतलाना के प्रेम संबंधों की। साठ के दशक की इस प्रेम कहानी ने देश के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया था। भारत, अमेरिका व रूस के रिश्तों में भी खटास डाल दी थी। संकट के समाधान के लिए देश की संसद तक में चर्चा करनी पड़ी थी।
बृजेश सिंह को स्टालिन की बेटी स्वेतलाना से हो गया था प्रेम
प्रतापगढ़ के वरिष्ठ अधिवक्ता और साहित्यकार भानुप्रताप त्रिपाठी, मराल के अनुसार प्रतापगढ़ के कालाकांकर राजपरिवार के बृजेश सिंह पढ़े.लिखे और सौम्य थे। गोरे.चिट्टे और फर्राटे से अंग्रेजी बोलते थे और भारत के बड़े कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। इंदिरा गांधी सरकार में विदेश मंत्री और अन्य ओहदों पर रहे राजा दिनेश सिंह उनके भतीजे थे। तबीयत खराब होने पर वर्ष 1963 में बृजेश सिंह सोवियत संघ की राजधानी मास्को गए थे जहां उनकी मुलाकात रूस की कम्युनिस्ट पाटी के मुखिया स्टालिन की बेटी स्वेतलाना से हुई। दोनों को प्यार हो गया। बात शादी तक पहुंची लेकिन सोवियत संघ की तत्कालीन सरकार ने अनुमति नहीं दी।