अब यूपी में भी लोगों के खाते में जमा होने लगे लाखों रुपये, जानें पूरा मामला
आगरा जिले के गांव गढ़ी रामबक्श में रहने वाले मैकेनिक कपिल कुमार के भारतीय स्टेट बैंक की खांडा शाखा के खाते में एक महीने से भी कम समय में आठ लाख रुपये से ज्यादा का लेन-देन हो गया। लेकिन खास बात ये है कि कपिल को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। उनका खाता हैक कर लिया गया है। जब वह अपना खाता ऑपरेट करने बैंक पहुंचे तो कपिल को काउंटर क्लर्क ने यह जानकारी दी। शाखा प्रबंधक से इस संबंध में शिकायत की। मामला बैंक के आगरा क्षेत्रीय कार्यालय को भेजा गया है। पूरे प्रकरण की जांच करने तक यह खाता सीज कर दिया गया है।
यूपीआई से लेन देन
प्रारंभिक पड़ताल में चौंकाने वाली बात सामने आई है। कपिल के खाते से यूपीआई (यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए गए। किसी दिन 5000 रुपये तो किसी दिन 500 रुपये जमा हुए। इस तरह 26 अगस्त से 23 सितंबर तक कपिल के खाते में 4.17 लाख रुपये जमा हुए, इसके बाद 4.17 लाख रुपये निकाल भी लिए गए। इस तरह खाते में कुल 8.34 लाख रुपये का लेन देन हुआ।
किसी ने बदल दिया मोबाइल नंबर
कपिल ने लगभग एक महीने पहले यह खाता खुलवाया था। उसके बाद संभवत: किसी ने उसके खाते पर दर्ज नंबर बदल लिया। यह इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किया गया। इस बात की जानकारी वास्तविक खाताधारक कपिल को नहीं हुई। जब इस खाते पर दर्ज वास्तविक मोबाइल नंबर ही बदल गया, तो इस पर होने वाले अन्य लेन-देन भी कपिल को पता नहीं लगे।
संदिग्ध थे लेन देन
प्रबंधन ने बताया कि बचत खाते से सामान्य से ज्यादा लेन-देन होने पर ऑफलाइन ट्रांजेक्शन मेनेजमेंट से मोबाइल पर अलर्ट जारी किया गया। कोई फायदा नहीं हुआ, तो प्रबंधन की तरफ से दर्ज कराए गए फोन नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन कोई कॉल रिसीव नहीं हुई। गनीमत रही कि वास्तविक खाताधारक बैंक पहुंच गया और मास्टरमाइंड की पोल खुल गई।
बिहार में भी इसी तरह के केस मिले:
कुछ दिन पहले कटिहार के आजमनगर थाना क्षेत्र की बघौरा पंचायत स्थित पस्तिया गांव निवासी दो छात्रों के खाते में करोड़ों की राशि आने से सनसनी फैल गई।एसबीआई के सीएसपी सेंटर पर जब खाते में पोशाक राशि आई या नहीं यह देखने बच्चे पहुंचे तो उनको पता चला कि उनके खाते में करोड़ों रुपये जमा हैं। उक्त खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक भेलागंज शाखा का है। पस्तिया गांव निवासी छात्र गुरुचन्द्र विश्वास खाता संख्या 1008151030208081 में 60 करोड़ से अधिक और असित कुमार खाता संख्या 1008151030208001 के खाते में 900 करोड़ से ज्यादा की राशि दिख रही थी। ब्रांच मैनेजर मनोज गुप्ता ने दोनों बच्चे के खाते से भुगतान पर रोक लगा दी है और मामले की जांच की जा रही है। बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचना दी गई है। एलडीएम एमके मधुकर ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। बैंक से मामला आने के बाद इसकी जांच की जाएगी।