Thursday, April 25, 2024
उत्तर-प्रदेशचंदौली

जंगल में मिले तीन बहनों के कंकाल: 16 अगस्त से थीं लापता, अब मां फरार

 

मिर्जापुर, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर जिले के हलिया थाना क्षेत्र के बेलाही गांव से एक माह पूर्व अपनी मां के साथ निकली तीन बहनों के कंकाल हर्रा जंगल में बरामद हुए जबकि मां  फरार हो गई। लड़कियों के पिता की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया में जुट गई थी।

जानकारी के अनुसार, बेलाही गांव निवासी देवीदास कोल ने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी फगुनी से तीन पुत्र और दूसरी पत्नी सीमा से एक पुत्री हुई थी। सीमा के पहले पति की मौत हो गई थी। सीमा को पहले पति से दो पुत्रियां थीं। देवीदास और सीमा तीन पुत्रों और तीन पुत्रियों के साथ रहते थे। 16 अगस्त को देवीदास किसी काम से घर से निकला था। उस दिन सीमा तीनों पुत्रियों गोलू(12) मुनिया(10) और ममता(8) को साथ लेकर निकल गई। काफी खोजबीन के बाद पता न चलने पर देवीदास ने पत्नी सीमा को फोन कर पूछा तो उसने बताया कि वह मजदूरी करने इंदौर आई है।

इसके बाद रक्षाबंधन पर 22 अगस्त को सीमा अपने मायके बेलगवा सुखड़ा पहुंच गई। लड़कियों को साथ न देखकर उसके भाई रमाकांत ने पूछा तो सीमा ने बताया कि इंदौर में एक महिला के घर पर छोड़कर आई है। रमाकांत अपने जीजा देवीदास के साथ इंदौर गया पर लड़कियां नहीं मिलीं। इसके बाद सीमा घर आ गई। मंगलवार को चरवाहों ने सीमा के भाई रमाकांत को हर्रा जंगल में कंकाल मिलने की सूचना दी

रमाकांत ने जीजा देवीदास को इसकी जानकारी दी। देवीदास मंगलवार की शाम जंगल में गया तो उसे छाता और कंकाल मिले। कपड़ों से उसने पुत्रियों की शिनाख्त की। छाता लेकर वह पत्नी सीमा के पास गया तो वह साथ नहीं आई। इसके बाद मौका देखकर वह भाग गई। सूचना पर पुलिस ने कंकाल कब्जे में ले लिए।

लालगंज के सीओ उमाशंकर सिंह ने बताया कि फॉरेंसिंक टीम के साथ जांच पड़ताल की गई। तीनों कंकाल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण की पुष्टि होगी।

प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती थी तीनों बहनें
देवीदास कोल को पहली पत्नी से तीन पुत्र परमानंद(24), आनंद(22) व श्रीनंद(20) है। दूसरी पत्नी से एक पुत्री ममता(8) थी। दूसरी पत्नी को पहले पति से दो पुत्री गोलू(12) व मुनिया(10) थी। गोलू कक्षा तीन, मुनिया और ममता कक्षा दो की छात्र थी। तीनों गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती थी। परमानंद और आनंद की शादी हुई है। सीमा अंडा और पान की दुकान की थी।

जंगल में एक माह से पड़ा था शव
शव पूरी तरह से सड़ गया है। सिर्फ कंकाल बचा है। परिजनों ने बालिकाओं के कपड़े लैगी और स्कर्ट से पहचान की। शव सड़ जाने से यही लग रहा है कि एक माह पूर्व जब से बालिकाएं घर से निकली हैं, उसी समय ही इनकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया गया है। शव हलिया-मतवार मार्ग पर हर्रा जंगल में वन विभाग के सुरक्षा खाई के पास मिला। बड़ी बात है कि जंगल में एक माह से शव पड़ा रहा, लेकिन किसी को पता नहीं चल सका। इससे यह भी पत चलता है कि जंगल में बीट सुरक्षा में लगे वन रक्षक गश्त नहीं कर रहे हैं। चरवाहे ने कंकाल न देखा होता तो शव के बारे में कभी पता भी न चलता।

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