…..तो मेरे सिर में दो गोली मार देना, जानें पूर्व उप राष्ट्रपति ने किससे और क्यों कही ये बात…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लंदन। पंजशीर घाटी में मौजूद अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ब्रिटेन के अखबार डेली मेल के लिए एक लेख लिखा है। इसमें उस दिन का ब्यौरा है जब तालिबान काबुल के मुहाने पर खड़ा था और लगातार अंदर आ रहा था। उन्होंने इसमें बताया है कि किन हालातों में कैसे वो काबुल से निकले थे। सालेह की फौज फिलहाल अहमद मसूद के नेतृत्व वाले नार्दर्न एलाइंस के साथ मिलकर पंजशीर घाटी में तालिबान को कड़ी टक्कर दे रही है।
अशरफ गनी की आलोचना
ब्रिटेन के अखबार में उन्होंने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने की आलोचना की है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों ने देश के साथ गद्दारी की और ऐसे समय में जब उन्हें देश और उसके लोगों की हिफाजत करनी थी। वहां से भाग खड़े हुए। आपको बता दें कि गनी के देश छोड़ने के बाद सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
जेल में तालिबानी कैदियों का विद्रोह
इसमें उन्होंने लिखा है कि काबुल छोड़ते समय एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें अपने गार्ड से कहना पड़ा था कि यदि उनका सामना तालिबान से हो जाए और वो घायल हो जाएं तो उनकी पकड़ में आने से पहले ही वो उनके सिर में दो गोली मार दे। क्योंकि वो तालिबान के सामने सरेंडर नहीं होना चाहते हैं। उन्होंने इसमें बताया है कि अफगान अधिकारी तालिबान से लड़ने की बजाए छिप कर बैठ गए या भाग गए। उन्होंने लिखा है कि तालिबान के काबुल पर कब्जे से पहले की रात में पुलिस चीफ ने उन्हें फोन कर कहा कि जेल में तालिबान कैदियों ने विद्रोह कर दिया है। वो वहां से भागने की कोशिश में हैं।