तपते रेत के धोरों के बीच ठंड का अहसास देता है यहां बसा ये अनूठा स्कूल, देखने आते हैं पर्यटक…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
देश विदेश। स्कूल भवन में कोई एयरकंडिशनर नहीं है। लेकिन प्रचंड गर्मी में भी यहां राहत मिलती है। खूबसूरत जालीदार दीवार और हवादार छत के साथ ही सौर प्रतिष्ठान शानदार वास्तुकला का उदाहरण है। कोनाई गांव में स्थित इस स्कूल को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। रेत के धोरों के साथ ही स्कूल की इमारत भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। स्कूल भवन को न्यूयार्क स्थित आर्किटेक्ट डायरला केलौग ने डिजाइन किया है। यहां पढ़ने वाली छात्राओं की यूनिफॉर्म प्रसिद्ध ड्रेस डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने तैयार की है। इसमे नीले रंग की घूटनों तक की फ्रॉक के साथ मैरून रंग वेस्ट पैंट का मैच है।
मुफ्त शिक्षा के साथ निःशुल्क भोजन भी
माइकल ड्यूब द्वारा स्थापित स्वयंसेवी संस्था सीआईटीटीए ने इस स्कूल को वित्त पोषित किया है। जैसलमेर राजपरिवार के सदस्य चैतन्य राज सिंह और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने वाले मानवेंद्र सिंह ने मिलकर यह स्कूल बनाया है। मानवेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल खोलने का मकसद बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई से नया शिक्षा सत्र शुरू करने की योजना है। स्कूल में 400 छात्राओं को पढ़ाने की क्षमता है। मुफ्त शिक्षा के साथ ही दोपहर का भोजन भी स्कूल द्वारा ही उपलब्ध करवाया जाएगा। कक्षा 10 तक यहां छात्राओं को पढ़ाने के साथ ही कंप्यूटर और अंग्रेजी बोलने का विशेष तौर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।