डूबा हिंदुत्व का सूरज, रामधुन पर चिर निद्रा में सोए रामभक्त कल्याण सिंह…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। हिंदुत्व का सूरज डूब गया जिसके शोक में सारी रात सिसकती रही। आस्था और संकल्प के आगे मुख्यमंत्री पद को त्याग देने वाले बाबूजी शनिवार की रात चिरनिद्रा में सोए तो लगा वक्त जैसे ठहर गया। गमगीन माहौल में गूंजती रामधुन हर किसी को याद दिला रही थी कि यही कल्याण सिंह अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के सूत्रधारों में से एक हैं। आधी रात के बाद माहौल में पूरा सन्नाटा था। लेकिन नम आंखें पूर्व मुख्यमंत्री की पार्थिव देह को निहारती रहीं और रह.रहकर उठ रही स्वजनों की हूक उस सन्नाटों को तोड़ती रही। परिवार ने अपना अभिभावक खो दिया था। सब गमगीन थे। लेकिन खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे थे। उन्हें गर्व था कि वह ऐसे अभिभावक के मार्गदर्शन में पले.बढ़े जिन्होंने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में राजनीति की नई परिभाषा लिखी। जिनकी जीवटता और बेबाकी के सब कायल थे।
शनिवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा कल्याण सिंह के आवास पर पहुंचे तो एक बार फिर वहां चहलकदमी तेज हो गई। कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह भावुक हो गए। वह पिता को निहारते रहे और उनकी आंखें बार.बार नम होती रहीं। कई बार उन्होंने खुद को संभाला। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें ढांढस बढ़ाने की कोशिश की लेकिन सब्र का बांध मानो टूट पड़ा। राजवीर फफक पड़े। उधर हाथ में राखी लिए एक बुजुर्ग महिला उषा लोधी कल्याण सिंह के पार्थिंव शरीर को निहार रही थी। उनकी आंखों में आंसू और चेहरे पर दर्द की लकीरें ये बयां करने के लिए काफी थीं कि अब वह कभी कल्याण सिहं को दोबारा राखी नहीं बांध पाएंगी। उषा लोधी खुद को उनकी मुंहबोली बहन बता रही थी। देर रात तक वहां मंत्री, विधायक, अधिकारी व भाजपा कार्यकर्ताओं का आवागमन जारी रहा।