Friday, April 26, 2024
उत्तर-प्रदेशबरेली

अधिवक्ता की नशेड़ी पत्नी ने बेटियों को बनाया भिखारी, पिता ने खोला राजए बोला. पहचानने से इन्कार कर देती है बेटियां…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

बरेली। हरियाणा के बल्लभगढ़, फरीदाबाद के रहने वाले एक वकील के जिंदगी में ऐसी सुनामी आई उसका परिवार एक झटके में उजड़ गया। चार साल पहले वकील की पत्नी को पैरालाइसिस हुआ था। वकील ने पत्नी का लाखों रुपये खर्च कर इलाज कराया। जहां पर स्वस्थ तो हो गई। लेकिन उसको नशे की लत लग गई और घर से भागने लगी। इसी आदत के कारण वह अपनी दो बेटियों के साथ इधर.उधर भटकने लगी और भीख मांगकर गुजर बसर करने लगी।महिला को सुल्फा गांजा की लत लग गई। बेटियां भी दर.दर की ठोकरें खा रही हैं। बरेली से भीख मांगते पकड़ी गई महिला की दस वर्षीय बेटी यहां जिला अस्पताल के वन स्टाप सेंटर पर रखी गई अब बालिका संरक्षण गृह लखनऊ भेजने की तैयारी की जा रही है।

जीआरपी के माध्यम से वन स्टाप सेंटर पहुंची बालिका की काउंसिलिंग की गई तो पता चला कि भिखारिन महिला बेटियों को लेकर भीख मांगते.मांगते यहां बदायूं रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई थी। महिला बदायूं के रेलवे स्टेशन पर एक राजू नाम के भिखारी के साथ कथित तौर पर रहने लगी।महिला की दोनों बेटियां कथित तौर पर भीख मांगकर रुपये मां को देती थी।यह रुपये मां राजू भिखारी को दे देती थी।छोटी बेटी बरेली रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती थी।

तीन दिन पूर्व बरेली जीआरपी ने महिला की बेटी को भीख मांगते हुए पकड़ लिया था।पूछताछ में उसने स्वयं को बदायूं रेलवे स्टेशन पर रहना बताया तो जीआरपी ने बदायूं वन स्टाप सेंटर की प्रभारी नीतू सिंह से संपर्क किया।जिसके बाद लड़की को वन स्टाप सेंटर की टीम को सौंप दिया गया है।जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर भी तलाश की लेकिन महिला और कथित भिखारियों का सरगना गायब हो गए । अब बालिका को बालिका संरक्षण गृह लखनऊ भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

बड़ी बेटी तुगलकाबाद के बाल गृह

वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी नीतू सिंह बताती हैं महिला का महिला की बड़ी बेटी कुछ दिनों पूर्व तुगलकाबाद के रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते हुए पकड़ी गई थी जहां जीआरपी ने लड़की को पकड़ कर बाल ग्रह सौंप दिया था लड़की के बयान भी दर्ज किए गए लेकिन उसने अपने पिता को पहचानने से इंकार कर दिया था अभी भी लड़की वहीं के बाल गृह में रह रही है।

पत्नी और बेटियों के व्यवहार से अजीज हो चुके वकील पिता

वन स्टाप सेंटर की प्रभारी नीतू सिंह का कहना है उन्होंने लड़कियों के पिता वकील से मोबाइल काल कर बात की तो उन्होंने बताया कि वह कई बार अपनी दोनों बेटियों को दूरदराज इलाकों से ले जाने के लिए गए हैं। लेकिन बेटियां उन्हें पहचानने से इंकार कर देती हैं।बदायूं भी वह आए थे लड़कियों ने जब पहचानने से मना कर दिया था।अब वह भी बीमार है। अगर बेटियां उनके पास आकर रहना चाहें तो वह रख लेंगे।

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