चंदौलीः निराशा की तरफ जाते हुवे लोगों को खींचकर बाहर निकाला सारिका एवं देव ने, अद्भुत क्षण जब इन लोगों ने अपनी दोनों कोहनियों को मिलाकर ताली बजाई…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चंदौली। अरविंद,राजेन्द्र,मुन्नू,कुबेर छोटू तथा शंकर जैसे चंदौली व वाराणसी कई लोगों ने अपने जीवन मे कभी नही सोचा था कि कभी अपने हाथ से खाना खा पाएंगे। फिर कभी आत्मनिर्भर हो पाएंगे, टूटते हुए आत्मविश्वास और रोज घुटता हुआ आत्मसम्मान जीवन को निराशा के तरफ ले गया था। फिर देवदूत बनकर आई खुशी की उड़ान एवं भारत विकास परिषद वरुणा सेवा संस्थान एवं देव जायसवाल। लाचारों का सहारा बनकर उनसे बात कर उन्हें भरोषा दिलाया कि अब आप भी एक सामान्य जीवन जी पाएंगे।
3 दिवसीय कैंप लगाकर बिड़ला हॉस्पिटल वाराणसी में 100 से ज्यादा लोगो को वैकल्पिक सेंसर युक्त प्रोस्थेटिक हाथ लगाया गया। संस्था के चेयरमैन डॉ रमेश लालवानी सारिका एवं देव जायसवाल ने संयुक्त रूप से बताया कि जर्मनी से आयातित प्रोस्थेटिक हाथ अत्यंत महंगा होने के कारण अब तक कटे हाथ वालों के लिए ऐसे हाथ लगाने हेतु निशुल्क शिविर आयोजित करने में कठिनाइयां थी। पर अब प्रशांत गाढ़े ने अथक प्रयास से अविस्कृत हाथ अब इनाली फाउंडेशन में निर्मित किए जाते हैं। अब तक 2500 से ज्यादा लोगों को हाथ लगाए जा चुके हैं। आगे भी हाथों को लगाने का लक्ष्य है।