सहायक अध्यापकों से सीएम बोले, समाज के प्रति ईमानदार रहें और राष्ट्र की नींव मजबूत करें…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन रोजगार श्रृंखला के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के 6696 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया है। लखनऊ के लोक भवन में शुक्रवार को इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के साथ उनको संबोधित भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि आप लोगों को आज अपने घर या परिवार के साथ देश के लिए भी कुछ करने का मौका मिला है। आप सभी लोग समाज के प्रति ईमानदार बनें और राष्ट्र की नींव मजबूत करें। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा तो समाज की नींव है। इसको मजबूत करने से हम समृद्धशाली तथा शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण करने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि जो ईमानदारी हमारी सरकार ने आप सभी की भर्ती में दिखाई है। उतनी ईमानदारी और प्रतिबद्धता आप समाज के प्रति दिखाइए। बेसिक शिक्षा समाज की नींव है। इसे मजबूत कर राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान दीजिए। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे ग्राम पंचायत के हर घर से जुड़े और गांव के सभी बच्चों का विवरण इकट्ठा कर उन्हेंं शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ें। हमारी सरकार ने संकल्प लिया था कि हम आमूलचूल परिवर्तन करके दिखाएंगे। आज सरकार बच्चों को दो.दो यूनिफॉर्मए बैग व बुक उपलब्ध करा रही है। हर व्यक्ति एक.एक विद्यालय गोद ले। आज 1.20 लाख से अधिक विद्यालयों का ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सुंदरीकरण कर उन्हेंं आकर्षक बनाया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद का हमारा वार्षिक बजट 53 हजार करोड़ से अधिक रुपए का है। इसी कारण प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या को इसका लाभ मिलना चाहिए। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल भी किसी पब्लिक व कॉन्वेंंंट स्कूल का मुकाबला करते हुए दिखाई दें। हमने टीईटी के लिए व्यवस्था बनाई है कि जो एक बार टीईटी पास करेगाए उसके सर्टिफिकेट की मान्यता आजीवन रहेगी।
शैक्षिक सुधार हुआ है उससे विपक्षी दल भयभीत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मैं स्वयं बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में पढ़ा हुआ हूं। उनकी सरकार के कार्यकाल में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में जिस पारदर्शिता से एक लाख 20 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है और विद्यालयों के कायाकल्प के साथ शैक्षिक सुधार हुआ है उससे विपक्षी दल भयभीत हैं। उन्हेंं लगता है कि अब तो गरीबों के बच्चे पढ़कर आगे बढ़ेंगे तो जातिवाद क्षेत्रवाद वंशवाद और भ्रष्टाचार पर आधारित उनकी राजनीति बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भॢतयों में शुचिता और पारदर्शीता से बुरा उन लोगों को भी लग रहा है जिनकी अवैध कमाई का जरिया बंद हो गया है। इसी कारण विपक्षी दल युवाओं को गुमराह करने में लगे हैं।