जिला पंचायत चुनावः बागपत में नामांकन को लेकर गरमाई है सियासत, रालोद और भाजपा के बीच होगा कड़ा मुकाबला….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
बागपत। अब जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर रालोद व भाजपा के बीच मुकाबला होगा। तीन जुलाई को मतदान होगा। भाजपा की प्रत्याशी बबली व रालोद की प्रत्याशी ममता में से कौन जिला पंचायत की अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। यह तीन जुलाई को तय हो जाएगा। नामांकन वापसी को लेकर हुए बड़े खेल के बाद पहले से ही सियासत गरमाई हुई है। जिसे देखकर यह कहा जा रहा है कि दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर नामांकन से लेकर नामांकन वापसी तक रालोद व भाजपा के प्रत्याशियों व समर्थकों के बीच घमासान चल रहा है। चुनाव में जीत व हार को लेकर पल पल रणनीति बदल रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। पहले इस कुर्सी पर बैठने के लिए भाजपा के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं था। फिर सपा की बबली को भाजपा में शामिल कराया गया फिर बबली को ही भाजपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया। वहीं रालोद ने ममता को उम्मीदवार घोषित कर दिया। रालोद उम्मीदवार ममता व उनके पति जयकिशोर ने नामांकन से पूर्व 26 जून को बड़ा उल्टफेर करते हुए भाजपा सांसद डा. सत्यपाल सिंह के आवास पर भाजपा का दामन थाम लिया। इससे रालोद खेमे में उदासी छा गईए क्योंकि उनके पास कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। इससे भाजपा के खेमे में खुशी थीए क्योंकि उनके उम्मीदवार के निर्विरोध चुना जाना तय हो गया। करीब सात घंटे बाद ही ममता व उनके पति ने यू टर्न लेते हुए फिर रालोद में वापस आ गए। इसके बाद रालोद खेमे को संजीवनी मिल गई। ममता ने नामांकन दाखिल कर दिया। मंगलवार को नामांकन वापसी पर फिर फर्जी ममता ने नामांकन वापसी करते हुए फिर रालोद खेमे में हलचल मचा दी। हालांकि बाद में राजस्थान के भरतपुर में बैठी असली ममता के दावे के बाद फर्जी ममता का नामांकन वापसी को निरस्त कर दिया गया। अब तीन जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा और मतदान के बाद ही मतगणना होगी। 20 जिला पंचायत सदस्यों में से जो भी प्रत्याशी 11 को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहा वो ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा।