बदसलूकी और छेड़खानी का विरोध करने पर पहले भी कई लोगों का हो चुका है खून….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। जनपद के यमुनापार में मेजा इलाके के मैदनिया गांव में छेडख़ानी का विरोध करने पर युवती के पिता के कत्ल की घटना ने हर किसी को दहला दिया है। सवाल उठा कि क्या अपनी बहन बेटी की आबरू बचाने का प्रयास करने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा। शोहदे इस कदर दुस्साहसी हो गए हैं। बेरहमी से पीटकर हत्या की इस वारदात ने पहले हुए ऐसे वाकयों के जख्मों को कुरेद दिया। ऐसी घटनाओं में पुलिस ने भले सभी मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार किया था। लेकिन खाकी का खौफ कायम नहीं हो पाया है। ऐसी घटनाएं होती रहीं तो फिर कौन भला किसी की इज्जत बचाने के लिए आवाज उठाएगा।
शहर से गांव तक होते रहे हमले और कत्ल
हालिया घटनाओं पर गौर करिए। इसी साल 12 मार्च को मऊआइमा थाना क्षेत्र के बुआपुर गांव में एक किशोरी बकरी चराने गई थी। वहां गांव के कुछ युवकों ने उसके साथ छेडख़ानी की थी। किशोरी की मां को पता चला तो वह इसका विरोध करने लगी। इस पर दबंगों ने उसे लाठी.डंडों से इतना पीटा था कि जान चली गई थी। मामले में तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके पहले पिछले वर्ष सोरांव थाना क्षेत्र के एक इंटर कालेज में छेडख़ानी का विरोध करने पर दो शिक्षकों को कई युवकों ने कालेज के भीतर घुसकर लाठी.डंडे से पीटा था। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसी तरह नवाबगंज में चार वर्ष पहले छेडख़ानी का विरोध करने पर एक ही परिवार के चार लोगों को लाठी.डंडेए सरिया से पीटने के साथ ही कटवासे से प्रहार कर घायल कर दिया गया था। इसमें इलाज के दौरान अस्पताल में एक अधेड़ की मौत हो गई थी। इसके अलावा शहर में भी मां या बहन.बेटी से गलत व्यवहार का विरोध करने पर मारपीट या हमले की कई घटनाएं इस साल भी हो चुकी हैं।
दो वर्ग में तनाव पुलिस का पहरा
मैदनिया गांव की घटना से दो वर्ग के बीच तनाव के हालात बन गए। घटना के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेजा समेत दूसरे थानों की पुलिस के साथ मांडा और करछना थाने की पुलिस को भी तैनात किया गया है। आरोपितों के घरों के बाहर भी पुलिस लगाई गई है। पुलिस अधिकारी मृतक के घर के लोगों के संपर्क में हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है।