यहां के पानी से उफनाईं भारत की नदियां, पूर्वांचल में बाढ़ का खतरा गहराया….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। नेपाल में हुई बारिश का असर भारतीय क्षेत्र की नदियों व पहाड़ी नालों पर दिखने लगा है। खासकर सिद्धार्थनगर जनपद में बूढ़ी राप्ती, कूड़ा, घोघी नदी व तेलार नाला का जलस्तर बढ़ने लगा है। राप्ती व जमुआर नाला धीमी गति से घटाव पर है।
12 में बूढ़ी राप्ती का जलस्तर 1.75 मीटर बढ़ा
सिंचाई विभाग के अनुसार 12 घंटे में बूढ़ी राप्ती का स्तर 1.75 मीटर बढ़ा है। घोघी नदी में 1.40 मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है। आलमनगर गेज पर कूड़ा नदी 20 सेमी बढ़ी है। उसका बाजार रेलवे पुल गेज पर इस नदी के जलस्तर में 90 सेमी बढ़ोत्तरी हुई है। तेलार नाला 30 सेमी बढ़ा है। वहीं राप्ती बानगंगा व जमुआर का स्तर घट रहा है। राप्ती का पानी 0.05 सेमी कम हुआ है। जमुआर भी 0.02 सेमी घटा है। बानगंगा बैराज पर नदी स्थिर है।
बता दें कि नेपाल की पहाड़ों से कई नदियां निकल कर भारतीय क्षेत्र में पहुंची हुई हैं। इसमें नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र के सिद्धार्थनगरए महराजगंज और कुशीनगर जनपद शामिल हैं। नेपाल के पहाड़ों पर जब जब बारिश हुई है तो वहां से निकलकर भारतीय क्षेत्र में आनी वाली नदियों एवं नालों में बाढ़ आ जाती हैं। नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र के उक्त जनपदों में बाढ़ आ जाती है। इससे काफी नुकसान होता है। इधर नेपाल के पहाड़ों पर हो रही बारिश से सिद्धार्थनगर की नदियों में पानी आ गया है। यही हाल महराजगंज और कुशीनगर जनपद में भी है। महराजगंज में रोहिन नदी में पानी आया हुआ है। यह नदी भी नेपाल के पहाड़ों से निकली हुई है। इसी तरह से गंडक नदी भी है। जो नेपाल में भी गंडक नदी के नाम से जानी जाती है। कुशीनगर में गंडकी को नारायणी के नाम से जाना जाता है।