Thursday, April 25, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

मंदिर के पुजारी से अफसरों ने मांगा भगवान का आधार कार्ड, जानिए क्या है पूरा मामला…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

बांदा। यूपी के बांदा जिले में कुछ दिन पहले रामजानकी मंदिर की 40 बीघा जमीन पर उपजे गेहूं की बिक्री नहीं हो सकी थी। उस समय मंदिर के पुजारी से अधिकारियों ने एक ऐसी असंभव बात कह दी थी जो कि गांव ही नहीं बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई थी। दरअसल, वाकया कुछ यूं था कि जब मंदिर की जमीन पर उगाए गए गेहूं को बेचने के लिए मंदिर समिति के लोगों ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने उनसे ;मंदिर समिति के लोगों से भगवान का आधार कार्ड लाने को कहा। मामला बढ़ने के बाद अफसरों ने बात को गोल.गोल घुमाते हुए कहा कि भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया है। लेकिन नियमों के अनुसार जिसके नाम जमीन होगी उसका आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा।

यह है पूरा मामला तहसील क्षेत्र के खुरहंड गांव में रामजानकी विराजमान का मंदिर है। जिसके पुजारी महंत रामकुमारदास ने बताया कि मंदिर में 40 बीघा जमीन रामजानकी विराजमान मंदिर के नाम है। जिसके उपज की बिक्री से रखरखाव व पूजा अर्चना होती है। महंत ने बताया कि अप्रैल माह में रामजानकी विराजमान मंदिर संरक्षक रामकुमार दास के नाम से खुरहंड खरीद केंद्र में उपज की बिक्री हेतु आनलाइन पंजीकरण कराया था। लेखपाल से सत्यापन के लिए कहा था। कोरोना संक्रमण व पंचायत चुनाव के चलते पंजीकरण के सत्यापन की जानकारी अप्रैल माह में नहीं कर सका। मई में लेखपाल ने बताया कि उनकी ओर से सत्यापन कर दिया गया है। उसके बाद जनसेवा केंद्र पहुंच आनलाइन पंजीकरण की जानकारी करने पर एसडीएम अतर्रा की ओर से निरस्त करने की जानकारी हुई। उन्होंने एसडीएम से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि शासन के नियमानुसार जिसके नाम जमीन होगी। उसका आधार कार्ड आवश्यक है। मंदिर के संरक्षक के आधार कार्ड से फसल की बिक्री नहीं हो सकती है। मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि जब जमीन ही भगवान के नाम है तो उनका आधार कार्ड लाना असंभव है।

इनकी भी सुनिए

भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया है। क्रय नीति में किसानों की फसल बिक्री हो सकती है। मंदिर ट्रस्ट के फसल की बिक्री का प्रविधान नहीं है। सौरभ शुक्ला एसडीएम अतर्रा

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