यहां इस लैब में बनाया गया था कोरोना वायरस, दुर्लभ जीनोम सीक्वेंस है सबूत, विशेषज्ञों का बड़ा दावा…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाशिंगटन। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अभी भी कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है। लेकिन इस बीच अमेरिकी विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक बड़ा दावा किया है। इसमें यह सबूत दिया गया है कि कोविड 19 के वुहान की लैब से निकलने की थ्योरी के पक्ष में कितना दम है। मीडिया ने सोमवार को बताया कि दो अमेरिकी विशेषज्ञों ने अपने शोध में दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ है। उन्होंने शोध में बताया है कि कोविड.19 के दुर्लभ जीनोम से पता चलता है कि कोरोना वायरस एक प्रयोगशाला में विकसित किया गया था ये कोई प्राकृतिक वायरस नहीं है।
अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि अमेरिका के दो विशेषज्ञों डॉ. स्टीफन क्वे और रिचर्ड मुलर के अनुसार, कोविड .19 में एक आनुवंशिक जीनोम सीक्वेंस है जो किसी प्राकृतिक कोरोना वायरस में कभी नहीं देखा गया है। क्वे और मुलर ने बताया है कि कोविड.19 में जीनोम सीक्वेंस सीजीजी.सीजीजी जिसे डबल सीजीजी भी कहा जाता है है जो 36 अनुक्रमण पैटर्न में से एक है। उन्होंने बताया कि सीजीजी का उपयोग शायद ही कभी कोरोना वायरस की श्रेणी में किया जाता है जो कोव.2 के साथ पुनः संयोजन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि वास्तव मेंए कोरोना वायरस के पूरे वर्ग में जिसमें .2 भी शामिल है। जीनोम सीक्वेंस कभी भी प्राकृतिक रूप से नहीं पाया गया है। इस शोध को लेकर उन्होंने आगे कई बातें कही हैं जो वैज्ञानिक शोध के आधार पर हैं। अंत में उन्होंने कहा है कि सभी वैज्ञानिक साक्ष्य इस निष्कर्ष की ओर इशारा करते हैं कि कोरोना वायरस को एक प्रयोगशाला में तैयार किया गया था।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर वैश्विक स्तर पर हाल के हफ्तों में कई विशेषज्ञों ने लैब से वायरस लीक होने की थ्योरी पर जोर दिया है। जिसे पहले साजिश के रूप में खारिज कर दिया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी हाल ही में लैब से वायरस लीक होने की थ्योरी सहित कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई। इसकी जांच करने के लिए दोबारा प्रयास करने का आदेश दिया है। हालांकि, चीन ने वुहान लैब से वायरस लीक होने की थ्योरी को ष्अत्यंत असंभवष् कहकर खारिज कर दिया है और अमेरिका पर राजनीतिक हेरफेर का आरोप लगा रहा है।
कुछ समय पहले ही अमेरिकी इंटेलिजेंस की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि वुहान शहर में लोगों के वायरस से पहली बार संक्रमित होने से ठीक महीने भर पहले ही नवंबर 2019 में वुहान की लैब में काम करने वाले तीन रिसर्चरों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।