Thursday, April 24, 2025
उत्तर-प्रदेशकानपुर

शादी अनुदान में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, एसडीएम के डिजिटल हस्ताक्षर ने बना दिया पात्र…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

कानपुर। सदर तहसील में शादी अनुदान में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। अनुसूचित जाति के सिर्फ तीन नहीं, बल्कि चार सौ से अधिक अपात्रों को पात्र किए जाने की आशंका है। अब जांच से दूध का दूध और पानी का पानी होगा। हालांकि, अब तक जिन 85 फाइलों का रिकार्ड तहसील में न होने की बात कहकर पूरे मामले में लीपापोती की तैयारी की जा रही थी। उसे लेकर चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। प्राथमिक जांच में ही ये बात सामने आई है कि प्रत्येक आवेदन पत्र को एसडीएम ने अपनी ही लॉगिन से भेजा और डिजिटल हस्ताक्षर भी किया था।

सामान्य और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों की बेटियों की शादी के लिए समाज कल्याण विभाग, पिछड़ी जाति के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की बेटियों की शादी के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से अनुदान दिया जाता है। कोरोना काल में सदर तहसील में दलाल, लेखपाल और लेखपालों के कारीगरों के सिंडीकेट ने बड़ा काम किया। उन्होंने ही अपात्रों को पात्र और पात्रों को अपात्र बनाने का खेल किया।

सीडीओ डॉ. महेंद्र कुमार ने समाज कल्याण विभाग की तीन फाइलों की जांच कराई तो तीनों अपात्र मिले। इसके बाद ही सदर तहसील प्रशासन की ओर से कहा गया कि 85 फाइलें तहसील के रिकार्ड में नहीं हैं। उन पर जो हस्ताक्षर हैं, वो फर्जी हैं। लेकिन ये झूठ बोलते समय अफसर यह भूल गए कि समाज कल्याण विभाग को सत्यापन की हार्ड कापी की जरूरत ही नहीं है। उसे तो एसडीएम द्वारा डिजिटल सिग्नेचर कर फारवर्ड किए गए फार्मों से ही मतलब था। जब ये फार्म समाज कल्याण अधिकारी की लॉगिन में जाते हैं। तभी लाभार्थी के खाते में अनुदान पहुंचता है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *