लुटेरे पुलिसकर्मियों की करतूत से साख पर फिर सवाल, कार्रवाई पर भी कम नहीं हो रहा दुस्साहस…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सुरक्षा का भरोसा किससे किया जाए। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महराजगंज के दो आभूषण कारोबारियों से सोना लूटने के मामले में बस्ती के दारोगा और तीन सिपाहियों की गिरफ्तारी के बाद कुछ ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं। शासन ने भी घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
आरोपित पुलिसकर्मियों की जल्द होगी बर्खास्तगी उत्तर प्रदेश सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार व अपराध के मामलों में लगातार कार्रवाई कर कड़े संकेत दिए हैं। डीजीपी मुख्यालय स्तर से भी बीते एक वर्ष में विभिन्न मामलों में दोषी 270 से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार व अन्य संगीन आरोपों में पुलिसकर्मियों के विरुद्ध 50 से अधिक मुकदमे भी दर्ज हुए। भ्रष्टाचार व दुर्व्यवहार के मामलों में पांच पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया। जालौन में हुए तिहरे हत्याकांड में दोषी पाए गए पुलिस उपाधीक्षक भगवान सिंह को भी दिसंबर 2020 में सेवा से बर्खाश्त कर दिया गया था। अब गोरखपुर लूटकांड में गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किए जाने की कसरत भी शुरू हो चुकी है।