चकिया के इस गांव में कागज पर बने सैकड़ों शौचालय, नहीं दिखता धरातल पर, लगाया आरोप अधिकारियों ने धन का किया बंदरबाट……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का सपना क्षेत्र में नकारा साबित हो रहा है। सरकार के घोषणा के बावजूद आज भी गांववासी खुले मैदान में शौच जाने को विवश हैं। स्थानीय तहसील से सटे दिरेहुं गांव में शौचालय निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर घपलेबाजी किया गया है। शौचालय तो अधिकारियों के कागजता में पूर्ण हो चुकें है, लेकिन धरालत पर नदारत हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना बीते तहसील दिवस में उपजिलाधिकारी के समक्ष रखा। वहीं लिखित प्रार्थना देकर कहा कि हुजूर हमहन क नाही शौचालय बनल हव आउर नाही पैईसा मिलल हव। लेकिन साहब लोगन अपने कागज में हमहन क शौचालय के पूर्ण देखा देले हउअनजा।
जैसे अल्फाज में ग्रामीणों ने एसडीएम व तहसील से गुहार लगाई। ग्रामीणों ने दिरेहुं गांव के सेक्रेटरी व बीडीओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी जल्द से जल्द जांच कराकर सच्चाई को सामने लाया जाए। यहीं नहीं शौचालय को कागज में पूर्ण दिखाकर धन का बंदर बाट भी कर लिया गया है। सरकार के स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत के सपने को आधिकारी द्वारा नकारा साबित किया जा रहा है। गांव में आज किसी को शौचालय है तो किसी को नहीं। जिसको नहीं है वह खुले में जाने के लिए मजबूर है। जबकि सरकारी आकड़े के अनुसार क्षेत्र के हजारों घरों में शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण है। सरकारी आंकड़े के अनुसार जहां शौचालय का निर्माण किया जाता है तो लाभुक के साथ निर्माण किये गये शौचालय का फोटो लेकर उसे संबंधित विभाग में जमा करने के बावजूद ही उसे शौचालय निर्माण में खर्च की गई राशि का भुगतान किये जाने का प्रावधान है।
लेकिन यहां तक भी नहीं ग्रामीणों को नसीब हुआ। सीधे कागजी घोड़ा दौड़ाकर मलाई मार लिया गया। वहीं कुछ ग्रामीणों को शौचालय मिला भी है तो उसकी भी हालत बद से भी बत्तर है। ग्रामीणों ने बताया कि घरों के बगल में शौचालय का निर्माण तो जरूर किया गया था। लेकिन इसके निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। और शौचालय का टंकी की गहराई भी एक से दो फीट से ज्यादा नहीं थी। जो एक माह के बाद ही ध्वस्त हो गया। अगर सही रूप से शौचालय का निर्माण किया जाता तो आज खुले में शौच करने के लिए नहीं जाना पड़ता। ग्रामीणों ने ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि खुलेआम धांधली की जा रही है। इसपर रोक लगाना जनहित में हितकारी है। ताकि समाज के भ्रष्ट अधिकारी सुधर सके। और सरकारी योजनाओं का बंदर बाट न कर सके।
इन लाभार्थियों का नहीं बना है शौचालय, कागज में है पूर्ण
तेतरा
रब्दुल
सीमा देवी
चंदा देवी
लालती
मुन्नी
लालमनी
जितेन्द्र
रीता देवी
मिना देवी
बहादुर
उर्मिला
उषा देवी
मीरा देवी
मनोज कुमार
सुगनी देवी
पार्वती
विध्वासिनी
लक्ष्मण यादव