Saturday, April 27, 2024
नई दिल्ली

किसान आंदोलन जारी रहेगा, सरकार ने जबरदस्ती हटाया तो मारे जा सकते हैं 10 हजार लोग…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने और कमेटी के गठन के आदेश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वे किसानों के साथ बातचीत करने के बाद तय करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास जाएंगे या नहीं। किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि यदि सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो इसमें दस हजार लोग मारे जा सकते हैं। मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा हम किसानों की कमेटी में इसकी चर्चा करेंगे। 15 जनवरी को होने वाली किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत में भी शामिल होंगे। जो कोर्ट ने कमेटी बनाने की बात की है। उसमें बाद में बताएंगे कि जाएंगे या नहीं लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। जब तक बिल वापस नहीं होगा, तब तक घर वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड करके रहेगा।

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान यहां से अब कहीं नहीं जा रहा है। सरकार का आकलन है कि यहां हटाने पर एक हजार आदमी मारा जा सकता है। यह गलत आकलन है। यदि जबरन हटाने की कोशिश की गई तो यहां 10 हजार आदमी मारा जा सकता है। टिकैत ने कहाए श्श्सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। आंदोलन लंबा चलेगा। कोर्ट की तरफ से जारी समिति के नाम में सरकार से बातचीत कर रहे 40 संगठनों में से कोई भी नाम नहीं हैं।

अगले आदेश तक कानून लागू करने पर रोक
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस मामले में मंगलवार को भी सभी पक्षों को सुनने के बाद इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि वह इस बारे में आदेश पारित करेगी। कोर्ट द्वारा गठित की जाने वाले समिति इन कानूनों को लेकर किसानों की शंकाओं और शिकायतों पर विचार करेगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विरोध कर रहे किसानों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया और स्पष्ट किया कि कोई भी ताकत उसे गतिरोध दूर करने के लिए इस तरह की समिति गठित करने से नहीं रोक सकती है।

कोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार
इससे पहले सोमवार को हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मोदी सरकार को जमकर फटकार लगी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया था कि कृषि कानूनों पर आप रोक लगाएंगे या हम लगाएं। हालांकि इसके बाद केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने का विरोध किया था। सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा था कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती। जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करें। वहीं जब वेणुगोपाल ने मामले में और समय मांगा तो कोर्ट ने कहा कि श्रीमान अटॉर्नी जनरल हम आपको बहुत समय दे चुके हैं। कृपया आप हमें संयम पर भाषण ना दें।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *