बचपन के प्रेमी ने की थी दारोगा की बहन की हत्या, जान लेने के बाद लड़की की टी-शर्ट उतार खुद ली थी पहन
पटना। एसकेपुरी थानांतर्गत मनोरमा अपार्टमेंट के पास आनंदपुरी रोड नंबर तीन स्थित सेवानिवृत्त अधिकारी के मकान में किरायेदार व प्रशिक्षु दारोगा की बहन संजना सिंह (27) की नृशंस हत्या के आरोपित सूरज सिंह को पुलिस ने 12 घंटे में गिरफ्तार कर लिया।हत्या उसके किशोरावस्था के प्रेमी ने ही की है।
उसने इसी वर्ष मार्च में स्वयं तो शादी कर ली थी, पर प्रेमिका की दूसरे से तय हो चुकी शादी से खफा था। इसे लेकर तीन माह से दोनों के बीच मनमुटाव था। इस बीच वह हत्या की नीयत से ही मुजफ्फरपुर से गुरुवार को दिन के लगभग तीन बजे पटना स्थित संजना के कमरे में आया।
अंतिम बार मिलने की बात कहकर उससे शारीरिक संबंध बनाया और मौका पाते ही गर्दन, पेट, जांघ समेत शरीर के कई अंगों पर कैंची से वार कर दिया। अधिक रक्तस्राव से वह अचेत हो गई तो रसोई घर में रखा गैस सिलेंडर का पाइप उसके मुंह में ठूंसकर रेगुलेटर चालू कर दिया। जब गैस संजना के पेट में भर गई, तब उसने रेगुलेटर बंदकर माचिस की तीली जला दी और भाग निकला।
इस घटनाक्रम की जानकारी सिटी एसपी (मध्य) स्वीटी सहरावत ने शुक्रवार की शाम में दी। एसपी ने बताया कि सूरज को वैशाली से गिरफ्तार किया गया। वह संजना का मोबाइल समेत कुछ अन्य सामान भी लेकर भागा था। साक्ष्य के लिए मोबाइल की बरामदगी और घटनास्थल का पुनर्निमाण (क्राइम-सीन रीक्रिएट) करने के लिए उसे रिमांड पर लिया जाएगा।
मकान मालिक ने कहा- अक्सर मिलने आता था सूरज
संजना और सूरज दोनों छठी कक्षा से साथ पढ़ते थे। किशोरावस्था से दोनों के बीच प्रेम संबंध चल रहा था। वह युवती को छोटी-मोटी आर्थिक सहायता भी करता था। सूरज वर्तमान में वेटनरी दवा दुकान में काम करता था, जबकि संजना एक निजी फाइनेंस कंपनी में नौकरी करने के बाद प्रापर्टी डीलर के साथ काम कर रही थी। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही थी।
सने सीजेएल की लिखित परीक्षा पास कर ली थी और एक माह बाद उसका साक्षात्कार होने वाला था। मकान मालिक राजेश्वर प्रसाद ने पुलिस को बताया कि संजना इस वर्ष जनवरी से उनके मकान में किराये पर रह रही थी। सूरज अक्सर उससे मिलने आता था।
गले पर पहले वार से चीख नहीं सकी
सूरज लगभग साढ़े दस बजे संजना के कमरे पर पहुंचा था। उसने आखिरी मुलाकात का हवाला देकर शारीरिक संबंध बनाया, फिर कमरे में रखी कैंची से गले पर वार कर दिया। इस कारण वह चीख नहीं पाई। तब तक सूरज ने पेट पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए। भागने की कोशिश में वह दरवाजे की तरफ बढ़ी ही थी कि सूरज ने फिर जांघ पर वार किया। इससे वह जमीन पर गिर गई, फिर भी वह शरीर पर जहां-तहां वार करता रहा।
इस कारण नहीं हुआ सिलेंडर विस्फोट
संजना के बेहोश होते ही सूरज ने उसके मुंह में गैस सिलेंडर का पाइप ठूंस गैस भर दी। फिर उसके मुंह के पास माचिस की तीली जलाकर आग लगा दी। वह जलने लगी तो दरवाजा सटाकर वह भाग निकला। धुएं के कारण कमरे की दीवारें काली पड़ गईं।
माना जा रहा है कि कमरे में आक्सीजन की कमी के कारण आग कुछ ही देर बाद बुझ गई होगी, क्योंकि संजना के शरीर का केवल ऊपरी हिस्सा जला। सिलेंडर के नोजल तक आग नहीं पहुंच सकी, इस कारण विस्फोट नहीं हुआ। वहीं मकान मालिक को भनक नहीं लग सकी।
हत्या के बाद कपड़े बदल प्रेमिका की टी-शर्ट पहना
भागने के क्रम में सूरज ने संजना की टी-शर्ट पिठ्ठू बैग में रख ली थी। संजना की हत्या के बाद वह उसके घर से निकलने के बाद एक दुकान में गया और उसके बाथरूम में जाकर कपड़े बदल लिए, क्योंकि उसपर खून के धब्बे लगे थे।
उसने संजना की टी-शर्ट और साथ लाया ट्राउजर पहन लिया, फिर मुजफ्फरपुर चला गया। वहां से बाइक लेकर वैशाली के लिए निकला। उसने बाइक एक सुनसान जगह पर छिपा दी और किसी थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखवाने जा रहा था। इसी बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
दोबारा घर पहुंची घरेलू सहायिका तो हत्या का पता चला
संजना के घर काम करने आई घरेलू सहायिका कमरे की लाइट बंद देख लौट गई। थोड़ी देर बाद वह दोबारा आई तो भी लाइट बंद थी, इस बार उसकी नजर दरवाजे पर पड़ी, जो खुला था। दरवाजा खोलते ही अंदर का नजारा देख वह उल्टे पांव भागी और मकान मालिक को खबर की।
मकान मालिक ने डायल 112 पर पुलिस क्यूआरटी को सूचित किया। एसपी के अनुसार, शाम साढ़े सात बजे पुलिस को सूचना मिली थी। इसके बाद मालूम हुआ कि मारी गई संजना मुजफ्फरपुर के सकरा थाने के सबहा गांव की रहने वाली है। सकरा थाना के माध्यम से उसके घर पर सूचना दी गई, जिसके बाद उसके छोटे भाई प्रशिक्षु दारोगा सौरव सिंह राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी से पटना पहुंचे।
गिरफ्तारी के बाद गुमराह करता रहा सूरज
पकड़े जाने के बाद सूरज ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की। उसने कहा कि संजना का सुसाइड नोट उसके मोबाइल पर आया था, जिसके बाद वह उसे समझाने पटना गया। हालांकि, वह मर चुकी थी। पुलिसिया पचड़े में फंसने के डर से वह भाग गया।
जब पुलिस उसे सुसाइड नोट दिखाने को कहा तो बताया कि किसी ने उसकी बाइक और मोबाइल छीन लिया है। इसी की शिकायत करने वह वैशाली के थाने में जा रहा था। उसका गोलमोल जवाब सुन कर पुलिस ने सख्ती बरती, तब उसने जुर्म कबूल लिया।
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