वर्ष 2023 के एक मामले में मूसाझाग थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष और दरोगा समेत दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी पंजीकृत हुई है। सभी पुलिसकर्मियों पर घर में घुसकर लूटपाट, मारपीट व फर्जी तरह से गैंगस्टर की कार्रवाई करने का आरोप है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव हसनपुर निवासी सिराजउद्दीन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि गांव में उनकी कुछ लोगों से दुश्मनी चल रही है। उनसे सांठगांठ के चलते एसआई सुनील कुमार आठ जुलाई 2023 को पुलिस टीम के साथ उनके परिवार के सालिम के घर में घुस आए। उनके और उनके बीवी बच्चों के साथ खूब मारपीट की।
आरोप है कि सभी पुलिसकर्मियों ने बक्से का ताला तोड़कर आठ हजार रुपये, चांदी की पाजेब और सोने की अंगूठी लूट ली। उनके परिवार वालों के साथ गाली गलौज की और वहां से चले गए।
गोवंशीय की हत्या के आरोप में जेल भेजा
नौ जुलाई को उन्होंने सीओ से इसकी शिकायत की तो पुलिसकर्मी और बौखला गए। वह 22 जुलाई को फिर से उनके घर में घुस आए। उन्होंने सालिम, अशरफ, ताजिव, गुल मोहम्मद, मुस्तकीम और कमालुद्दीन को पकड़ लिया।
पुलिस को देखकर मुहल्ले के कई लोग आ गए। उन्होंने पुलिस से उन्हें छोड़ने को भी कहा था, लेकिन वह उन्हें थाने लेकर चले गए। रात भर थाने में एसआई सोमेंद्र भदौरिया, थानाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह, सिपाही हरीश कुमार, अर्जुन सिंह, प्रेमराज, गौरव सिंह, नरेश कुमार और भोजराज सिंह ने उनके साथ मरपीट की। सुबह कुल्हाड़ी, हसिया और छुरी आदि लगा कर गोवंशीय की हत्या के आरोप में जेल भेज दिया।
आरोप है कि बाद में थानाध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह बने। उन्होंने दो लाख रुपये मांगे और कहा कि अगर रुपये नहीं दिए तो गैंगस्टर लगा देंगे। उन्होंने रुपये नहीं दिए तो पुलिस ने उनके ऊपर गैंगस्टर भी लगा दी।
इस संबंध में उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शिकायत भी की थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उन्होंने न्यायालय की शरण ली। अब मूसाझाग थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह, थानाध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह समेत सभी दस पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है।
सीओ उझानी शक्ति सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी पंजीकृत की गई है। विवेचना की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे। उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।