103 साल के ऐतिहासिक विघापीठ में उपस्थित होना गौरव की बात, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियां तेज गति से आगे बढ़ रहीं हैं – महामहिम राज्यपाल, भब्य समारोह के बीच 46वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न शिक्षा सबसे मजबूत हथियार, बदल सकते हैं दुनिया – आर.के. त्यागी
काशी आदिकाल से शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, विवेक, संस्कृतिक चेतना, मानवता की भूमि रही है : उच्च शिक्षा मंत्री
ज्ञान ही शक्ति है इसी के आधार पर आप राष्ट्र के उन्नति में अपना योगदान दें – उच्च शिक्षा राज्यमंत्री
वाराणसी। लखनऊ, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 46वां दीक्षांत समारोह बुधवार को गांधी अध्ययन पीठ सभागार में सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता करते हुए माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 103 साल पुरानी एवं ऐतिहासिक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में उपस्थित होना गौरव की बात है।
इस बार 18 गोल्ड मेडल में 06 छात्रों को तो 12 छात्राओं को मिला। छात्राएं हर जगह आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लड़कियां सरकारी विद्यालयों में पढ़ती हैं, जबकि लड़के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियां विश्वविद्यालयों में गोल्ड मेडल प्राप्त कर रहीं हैं और तेज गति से आगे बढ़ रहीं हैं। महामहिम ने छात्रों से कहा कि यह अवसर अपने माता-पिता का ऋण अदा करने का है।
कहा कि जब आप व्यवहारिक जीवन में जाते हैं तो कई समस्याओं का समाधान हमारे पाठ्यक्रम में नहीं होता है, इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है। सामाजिक चुनौतियां किसी पाठ्यक्रम में नहीं होतीं। आपको समस्या से भागना नहीं है, समस्या से जीतना है।
उन्होंने बताया की इस वर्ष शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है, जिसका सभी को फायदा लेना चाहिये। अगले पांच वर्षों में भारत के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने को मौका दिया जायेगा जिससे उनको उचित जगह कार्य करने का मौका मिल सके।