प्रतापगढ़।(Pratapgarh Lok Sabha Election) विरासत की सियासत प्रतापगढ़ में एक बार फिर चर्चा में आ गई है। पहले राजघराने में राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए अगली पीढ़ी आगे आइ थी और अब इसी तरह का समीकरण बन रहा है। माता-पिता दोनों भाजपा में सक्रिय हैं और बेटे ने नीले झंडे को उठा लिया है।
प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए बहुजन समाज पार्टी द्वारा प्रथमेश मिश्र सेनानी को उम्मीदवार बनाए जाने से राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इसकी वजह आया है कि एक ही घर में दो पार्टियों की राजनीति अब होगी। प्रथमेश मिश्र के पिता शिव प्रकाश सेनानी बहुजन समाज पार्टी में लंबे समय तक रहे हैं।
प्रतापगढ़ में रोचक हुआ मुकाबला
बसपा का दामन छोड़कर ही वह कुछ साल पहले भाजपा में आए थे। तब से बराबर पार्टी में सक्रिय हैं। पार्टी ने उनको प्रदेश कार्य समिति का सदस्य भी बनाया है। वह समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहते हैं। अपने पिता चंद्र दत्त सेनानी के नाम से ट्रस्ट बनाकर विविध कार्यक्रम करते रहते हैं। मात्र 33 साल की उम्र में उनके पुत्र प्रथमेश को बसपा का टिकट मिलने से प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र का चुनाव रोचक होता नजर आ रहा है।
प्रथमेश बसपा से चुनाव लड़ेंगे इस बात के कयास भी बहुत पहले से नहीं लग रहे थे। तीन दिन की चर्चा में यह बात हर किसी की जुबान पर आ गई कि भाजपा के परिवार में बेटे ने नीला झंडा उठा लिया है। बसपा के उम्मीदवार बनने के लिए कई नाम चल रहे थे और आखिरकार हाथी का महावत बनने का मौका प्रथमेश को मिला।
टिकट मिलने के बाद प्रथमेश का कहना है कि वह अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं। भाजपा नेता शिव प्रकाश सेनानी का कहना है कि वह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बेटा अगर बसपा से चुनाव लड़ रहा है तो यह उसका अपना व्यक्तिगत निर्णय है।