घरेलू गैस कनेक्शन को लेकर अब तेल कंपनियों ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। हर कंपनी ने अपने वितरकों को प्रत्येक उपभोक्ता की ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जा सके। साथ ही, जो लोग जिला छोड़ गए हैं, उनके कनेक्शन काटे जाएंगे।
वहीं, जिनकी मृत्यु हो गई है, उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर कनेक्शन दिया जाएगा। जो उपभोक्ता ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, उनकी सिलिंडर की आपूर्ति रोकी जा सकती है। कानपुर में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के करीब 11 लाख उपभोक्ता हैं। वर्तमान समय में 818 रुपये में सिलिंडर मिल रहा है।
सामान्य उपभोक्ताओं को 18 रुपये की सब्सिडी और उज्ज्वला कनेक्शन धारकों के खातों में 200 रुपये की सब्सिडी पहुंच रही है। तेल कंपनियों का मानना है कि लंबे समय से सर्वे न होने से कई उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलने में दिक्कतें आ रही थीं। कई मृतकों के नाम भी सूची से नहीं हटाए जा सके थे। कंपनियों का मुख्य मकसद बोगस उपभोक्ताओं को सूची से हटाना है। इससे करीब 15 फीसदी उपभोक्ताओं पर गाज गिर सकती है।
घर-घर जाकर ई-केवाईसी करेंगे अपडेट गैस कंपनियां अपने कर्मी लगाकर घर-घर उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अपडेट करेंगे। आधार कार्ड से यह सत्यापन होगा कि जिस व्यक्ति के नाम कनेक्शन है, वह घर पर है या नहीं। फिर आधार नंबर, पता और मोबाइल नंबर अपडेट किया जाएगा। ई-केवाईसी न होने पर एक तय समयसीमा के बाद सिलिंडर की सप्लाई रोक दी जाएगी।
गैस सुरक्षा की जानकारी भी देंगे कर्मी सेल्स अफसर एलपीजी भूपेंद्र नौटियाल ने बताया कि गैस कर्मचारी ई-केवाईसी अपडेशन के साथ-साथ लोगों को गैस सुरक्षा की भी जानकारी देंगे। ई-केवाईसी से सही उपभोक्ताओं की पहचान हो सकेगी। जिन लोगों को किसी कारण से सब्सिडी नहीं मिल रही, उसे भी शुरू किया जा सकेगा।