Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशगोरखपुर

जानिए कैसे खुली फर्जी दरोगा की पोल, पत्नी को इस खास ने दी जानकारी, इस जिले में तैनाती बताया था…….

गोरखपुर। कैंट थाने से जेल भेजा गया दुर्गेश कुमार पासी ने पत्नी से हापुड़ में तैनाती होने की बात कही थी, लेकिन इसी बीच उसे एक और युवती से प्रेम हो गया और उसके साथ ही वह सिंघड़िया में किराये का कमरा लेकर रहने लगा। शहर में ही वह एक कार चलाकर जीवन यापन कर गृहस्थी बसाने लगा।

एक दिन पत्नी की परिचित उसकी कार बुक करके देवरिया गई। इसके बाद उसे संदेह हो गया और उसने सहेली (आरोपी की पत्नी) को सब कुछ बता दिया। उसने ही रास्ते में एक फोन काल पर महिला से बातचीत होने की जानकारी दी। इसके बाद पत्नी ने तहकीकात की तो पता चला कि वह कोई दरोगा नहीं, बल्कि असल में चालक है और वह किसी और के साथ रहकर उसे धोखा दे रहा है।

पत्नी की शिकायत के बाद कैंट पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पहले पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था, लेकिन जब नौकरी नहीं लगी तो उसने फर्जी पुलिसवाला बनने की ठान ली। तीन हजार रुपये में पुलिस की वर्दी, स्टार और यूनिफाॅर्म खरीदी।

इसके बाद वह तीन साल से फर्जी दरोगा बनकर लोगों से वसूली कर रहा था। वह जब कार चलाता था, तो डैशबोर्ड पर पुलिस की टोपी रख देता था। पत्नी और ससुराल वालों को उसने दरोगा होने की जानकारी दी थी।

पत्नी ने यकीन करने के लिए जब उसे फोन किया और वर्दी दिखाने को कहा, तो उसने वर्दी खरीद ली थी। पिता और रिश्तेदारों को आरोपी ने बताया कि दरोगा में उसका चयन हो गया है। उसने यह भी बताया कि मुरादाबाद में ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और वह हापुड़ में तैनात है।

यह सुनने के बाद घरवाले भी खुश थे, लेकिन अब पकड़े जाने के बाद जब घरवालों को सच्चाई का पता चला तो वह भी हैरान हो गए। बेटे की करतूत जानकर वह पछतावा कर रहे हैं।
टोल बचाने के साथ ही लोगों से वसूली भी करता था दुर्गेश

दुर्गेश पासी फर्जी पुलिस आईकार्ड का इस्तेमाल टोल बचाने के लिए भी करता था। टोल पर बड़े आराम से आईकार्ड की मदद से निकल जाता था। दूसरे, जब कोई ठेली वाला या व्यापारी उस पर वर्दी पहनने के बाद भी संदेह करता था तो वह आईकार्ड दिखा देता था। इतना ही नहीं वह आम जनमानस को भी पुलिस बनकर धमकाता रहता था। कार के आगे डैशबोर्ड पर पुलिस की टोपी होने से लोग उसे आसानी से पुलिस मान लेते थे।

पहले भी पकड़े गए हैं फर्जी दरोगा
16 फरवरी 2016 : कुसम्ही में फर्जी दरोगा बनकर प्रेमी युगल से वसूली करने के आरोप में पुलिस ने रजही निवासी प्रदीप उर्फ झीनक और विजय को पकड़ा।
30 जुलाई 2017 : कुशीनगर की कप्तानगंज पुलिस ने फर्जी दरोगा महराजगंज के घुघली निवासी दिग्विजय को गिरफ्तार किया।

9 जनवरी 2022 : देवरिया की रुद्रपुर पुलिस ने रामनगीना नाम के युवक को पकड़ा। वह पुलिस बनकर वसूली करता था।
20 मार्च 2023 : शाहपुर पुलिस ने हरिराम नाम के युवक को पकड़ा, जो पुलिस की वर्दी पहनकर रील बनाता था।

21 मार्च 2023 : पुलिस ने नौकायन के पास वसूली करते अपूर्व राय नाम के फर्जी दरोगा को पकड़ा था।

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