जनता से पहले देवताओं के दर नतमस्तक उम्मीदवार; कंगना ने यहां मांगी मन्नत तो तिरुपति बालाजी में माथा टेक चुके CM सुक्खू
शिमला। देश में लोकतंत्र के महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस पर्व में जनता ही जनार्दन है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में नेता जनता के द्वार जाने से पहले देवी-देवताओं के दर पहुंच आशीर्वाद मांग रहे हैं। देवभूमि हिमाचल में हर क्षेत्र में अपनी अलग मान्यताएं और परंपराएं हैं। लोगों की इनमें अपार श्रद्धा होती है, ऐसे में चुनावी दौर में नेता भी ईष्ट के पास नतमस्तक हो रहे हैं।
तिरुपति बालाजी के दर्शन करने पहुंचे सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चुनाव प्रचार में उतरने से पहले परिवार सहित तिरुपति बालाजी के दर्शन करने गए थे। इस दौरान उनके साथ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान भी रहे।
इन मंदिरों में कंगना ने नवाया शीश
मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत टिकट पक्का होने से एक दिन पहले कांगड़ा जिला स्थित श्री बगलामुखी माता और श्री ज्वालामुखी माता के दर्शन करने पहुंची थीं। बेशक इस दिन उनकी जन्मतिथि थी पर अगले ही दिन पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद अभिनेत्री ने गृह क्षेत्र में कुलदेवी मां अंबिका के दर माथा टेका।
कंगना रनौत ने सोमवार को छोटी काशी यानी मंडी शहर के बाबा भूतनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया और ध्यान लगाया। भीमाकाली मंदिर में पूजा की। बाद में इंदिरा मार्केट में नमो टी स्टाल में भाग लिया और श्यामाकाली मंदिर में शीश नवाया।
भाजपा प्रभारी ने श्री हाटकोटी मंदिर में टेका माथा
भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने श्रीकांत शर्मा को हिमाचल में लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाया है। वह पदाधिकारियों से बैठकें कर रहे हैं। चुनावी व्यस्तता के बावजूद उन्होंने शिमला जिले के तहत श्री हाटकोटी मंदिर में माथा टेका। श्रीकांत शर्मा शिमला संसदीय क्षेत्र में विधानसभा हलकों में जाकर बैठकें कर रहे हैं। इससे पहले वह मंदिर पहुंचे।
हिमाचल में मतदान अंतिम चरण में पहली जून को होगा। अभी प्रचार भी गति नहीं पकड़ पाया है। कांग्रेस ने तो अभी तक प्रत्याशी भी घोषित नहीं किए हैं, बावजूद इसके नेता देवी-देवताओं के दर पहुंचना शुरू हो गए हैं।