भद्राकाल के बाद होगा होलिका दहन, जानें दोष-योग और पूजन की विधि; बरतें ये सावधानियां
होली और होलिका दहन की तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं। होलिका दहन पर छह अद्भुत योग के साथ ही दो दोष भी निर्मित हो रहे हैं। होलिका दहन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, धन शक्ति योग, वृद्धि योग, त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग जातकों पर सुख-समृद्धि बरसाएगी। भद्राकाल के बाद 24 मार्च को होलिकादहन रात्रि में होगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि 24 मार्च को भद्रा दिन में 9:56 बजे से रात्रि 11:14 बजे तक रहेगी। भद्रा के पश्चात शुभ मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग में होलिका दहन शुभ फलदायी रहेगा। रात्रि में 11:14 बजे के बाद होलिकादहन किया जाएगा। होलिका दहन के बाद 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। होलिका दहन पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:34 मिनट बजे शुरू होगा और अगले दिन 25 मार्च को सुबह 6:19 बजे तक रहेगा।
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि रवि योग 24 मार्च को सुबह 6:20 बजे से सुबह 7:34 बजे तक रहेगा। वृद्धि योग रात 8: 34 बजे से शुरू होकर अगले दिन 25 मार्च को रात 9: 30 बजे तक रहेगा। धन शक्ति योग होली के दिन कुंभ राशि में मंगल और शुक्र ग्रह की युति से निर्मित होगा। होली के दिन शनि, मंगल, शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। होलिकादहन पर सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा।