गोरखपुर। कभी पंजाबी संस्कृति में दुल्हन की पहचान माना जाने वाला चूड़ा आज गाेरखपुर की दुल्हनों की पसंद बन चुका है। जयमाला हो या शादी की अन्य रस्में दुल्हन के हाथोें में पहने चूड़े पर सबकी निगाहें जाती हैं। चूड़ा खास दिखे इसके लिए दुल्हनें प्लास्टिक के लाल चूड़े के स्थान पर अन्य रंग और डिजाइन के चूड़े पहनने लगी हैं। चूड़ा आज चूड़ा न होकर ट्रेंड हो गया है। इसे हर धर्म की दुल्हनें पहन रही हैं।
गोरखपुर में गोलघर, रेती, असुरन चौक के शृंगार की दुकानों में प्लेन चूड़ा, नाम लिखे चूड़े, फोटो लगे चूड़े, अमेरकिन डायमंड चूड़े, जरकन स्टोन चूड़े, कुंदन ब्राइडल चूड़ा, राजवाड़ी चूड़ा के साथ ही सीप के बने चूड़े मिल रहे हैं। चूड़े को लेकर मान्यता है कि यह प्रजनन और समृद्धि का संकेत है। पति की तरक्की के लिए दुल्हनें साल भर इसे पहनती हैं। ऐसे में इस पर पति-पत्नी का नाम और फोटो हो रिश्ते की मजबूती और भी बढ़ जाती है।
बाजार में 150 से पांच हजार रुपये तक के दाम के चूड़े बिक रहे हैं। इस पर नाम और फोटो लगवाने के लिए महीनों पहले ही ऑर्डर देना पड़ता है। गोलघर के दुकानदार का कहना है कि कस्टमाइस्टड चूड़े को जयपुर से बनवाना पड़ता है। इसलिए इसके लिए पहले ऑर्डर देना पड़ता है। कई ऐसे ग्राहक आते हैं जो दो-तीन दिन में नाम और फोटो वाले चूड़े की मांग करते हैं, जो पूरी हो नहीं पाती है। ऐसे में कुछ ऐसे भी ग्राहक आते हैं, जो 3-4 माह पहले ही ऑर्डर दे जाते हैं।चूड़ा अब ट्रेंड बन चुका है।