Sunday, May 12, 2024
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इस जिले में शुरू हुआ राशनकार्ड का सत्यापन, 20 हजार अपात्र मिले; सभी का काटा जाएगा नाम

गोंडा। गरीबों को दो जून की रोटी देने के लिए संचालित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। इसकी गवाही हाल में एक हजार से अधिक ग्राम पंचायतों से आई राशनकार्ड की सत्यापन रिपोर्ट दे रही है। इसमें पता चला है कि 20 हजार लोग अपात्र होते हुए राशन डकार रहे थे। इनमें से करीब दस हजार लोगों ने दुनिया छोड़ जाने के बाद भी मुफ्त का राशन लेना नहीं छोड़ा। घर वाले इनके हिस्से का अनाज उठा रहे थे।

कई पात्रों के नहीं बने राशनकार्ड

हर गांव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक माह बंटने वाले गरीबों के हिस्से का मुफ्त अनाज 100 से अधिक अपात्र (धनी व साधन संपन्न लोग) डकार रहे हैं जबकि हर गांव में पात्रों का राशनकार्ड ही नहीं बन पा रहा है। दो माह पहले गांव-गांव राशन कार्ड का सत्यापन शुरू हुआ। इसमें भी खानापूर्ति हो गई।

रसूखदारों के दबाव से सत्यापन कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों ने सभी अपात्रों के बजाय कुछ ही अपात्रों की पहचान की। सही से सत्यापन न होने के बावजूद एक हजार से अधिक ग्राम पंचायतों से आई जांच रिपोर्ट ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कलई खोल दी है।

अब इनका नाम हटाने की तैयारी में विभाग

इस सत्यापन रिपोर्ट के मुताबिक दस हजार लोग तो ऐसे हैं जो अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इनके हिस्से राशन का राशन परिवार वाले बराबर उठा रहे थे। दस हजार ऐसे मिले, जिनमें अधिकांश बेटियां हैं। ये विवाहित होने के बाद अपने ससुराल चली गईं, लेकिन इनके हिस्से का राशन परिवार वाले खा रहे थे। अब विभाग इनका नाम हटाने की तैयारी में जुटा है।

आठ ब्लाकों में डेढ़ हजार राशनकार्ड निकले फर्जी, होंगे निरस्त

गरीब कल्याण योजना में सेंध लगा रहे डेढ़ हजार लोग तो ऐसे भी मिले हैं, जो अपात्र व बाहरी होने पर भी राशन कार्ड बनवाकर मुफ्त अनाज ले रहे थे। वैसे तो यह संख्या पांच हजार से अधिक है, लेकिन आठ ब्लाकों से रिपोर्ट मिलने के कारण डेढ़ हजार की ही पहचान हुई। इसे देखते हुए पूर्ति विभाग अब इटियाथोक में 539, नवाबगंज में 481, पड़रीकृपाल में 44, झंझरी में 120, रुपईडीह में 86, कटरा बाजार में 63, बेलसर में 12, वजीरगंज में 212 राशनकार्ड निरस्त करने जा रहा है।

20 हजार लोगों का काटा जा रहा नाम

राशनकार्ड सत्यापन में 20 हजार लाभार्थी अपात्र मिले हैं, जिनका नाम काटा जा रहा है। साथ ही डेढ़ हजार से अधिक राशनकार्ड बाहरी या अपात्रों ने बनवा रखे थे, इन्हें भी निरस्त किया जाएगा। – कृष्ण गोपाल पांडेय, जिला पूर्ति अधिकारी

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