Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

भाजपा के कदम पर टिकी सपा की रणनीति, इन दोनों सीटों पर चार-चार दावेदार

बरेली। लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने में चंद दिन शेष हैं। पीडीए गठबंधन के साथ समाजवादी पार्टी भी क्षेत्र में सक्रिय है। बरेली व आंवला दोनों सीटों के लिए अब तक चार-चार दावेदारों ने तैयारी तेज कर दी है। इन सबके बीच सपा रणनीतिकारों की निगाह भाजपा के कदम पर टिकी है। भाजपा की ओर से स्थिति साफ होने के बाद ही पार्टी अपने पत्ते खोलने की तैयारी में है। इसमें सबसे बड़ा पेंच बदायूं की सीट को लेकर है।

पार्टी पदाधिकारियों के अनुसार, बरेली की सीट पर पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, ब्लाक प्रमुख भूपेंद्र कुर्मी व मनोहर पटेल बरेली की सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। दावेदारों की इसमें भाजपा के टिकट पर खासा नजर बनी हुई है। उम्र सीमा भाजपा के टिकट का आधार बनी तो यहां सपा कुर्मी चेहरे पर दांव लगा सकती है।

बरेली सीट पर 17 लाख मतदाता

उम्र सीमा आधार नहीं बनने की दशा में गठबंधन के पाले में गेंद जाने की संभावना है। इसके लिए जातिगत आंकड़े हैं। बरेली की सीट पर करीब साढ़े 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें साढ़े सात लाख के करीब मुस्लिम हैं। दूसरे नंबर पर सर्वाधिक पौने तीन लाख कुर्मी वोट हैं। मौर्य व कश्यप वोट भी अच्छी संख्या में हैं। मुस्लिम कोर वोटर के सहारे पार्टी ऐसी स्थिति में कुर्मी चेहरे पर दांव लगा सकती हैं।

इधर, आंवला सीट पर स्थिति चेहरे को लेकर है। आंवला सीट से जलालाबाद के पूर्व विधायक नीरज मौर्य, पूर्व जिलाध्यक्ष अगम मौर्य, आलमपुर जाफराबाद की पूर्व प्रमुख पति नरेश सिंह सोलंकी व बीडी वर्मा दावेदारी कर रहे हैं। अगम मौर्य विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।

सपा ने घोषित किया बदायूं से प्रत्याशी

इस सीट पर भाजपा के वर्तमान सांसद धर्मेंद्र कश्यप से ज्यादा सपाइयों की निगाहें बदायूं के भाजपा के टिकट को लेकर हैं। बदायूं सीट पर सपा पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। भाजपा के लिए तल्ख रहने वालीं बदायूं की वर्तमान सांसद संघमित्रा मौर्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। उनकी स्थिति साफ होने पर ही सपा आंवला की सीट पर पत्ते खोलेगी। इसके पीछे जातीय समीकरण के साथ बदायूं की दो विधानसभा सीटें दातागंज व शेखूपुरा हैं।

दोनों विधानसभाओं को आंवला की सीट पर बड़ा प्रभाव है। 18 लाख मतदाताओं वाली लोकसभा में यहां पांच लाख मुस्लिम, दो लाख कश्यप, पौने दो लाख यादव व डेढ़ लाख मौर्य वोट हैं। धर्मेंद्र यादव अब तक तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज चुके हैं। संघमित्रा के टिकट पर उलटफेर की स्थिति में सपाई खेमे में बड़ा बदलाव संभव हैं। तैयारी करने वाले दावेदार के साथ पदाधिकारी भी इसको लेकर तैयार हैं। तब धर्मेंद्र कश्यप के टिकट पर सपाईयों की निगाहें होंगी। चर्चा है कि बदलाव नहीं होने की स्थिति में इस सीट पर पार्टी चौंकाने वाला फैसला ले सकती है।

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