Wednesday, May 8, 2024
बिहार

बड़ा झटका: यहां के विधायक को सुनाया आजीवन कारावास की सजा……….विधायक समेत सभी दोषी आरोपितों को लिया कस्टडी में, जायेगी विधायिकी

आरा, पटना । पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क 

MLA Manoj Manzil भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव गांव में घटित किसान जय प्रकाश सिंह की हत्या के मामले में मंगलवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे तृतीय सत्येंद्र सिंह ने अगिआंव के भाकपा-माले विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान साक्ष्य पाए जाने पर उपरोक्त सजा सुनाई गई। सजा के बिंदु पर फैसले के बाद मिले विधायक समेत सभी दोषी आरोपितों को कस्टडी में ले लिया गया है।

बता दें कि मनोज मंजिल साल 2020 में पहली बार महागठबंधन की टिकट पर चुनाव लड़ें थे और जीत भी दर्ज की थी। नामांकन के समय गिरफ्तारी भी हुई थी। बाद में जमानत पर बाहर आए थे।

नौ साल पूर्व हुई थी किसान की निर्मम हत्या

अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव में विगत 20 अगस्त 2015 को हुई माले नेता सतीश यादव की हत्या के बाद जेपी सिह की हत्या हुई थी। इस घटना के बाद चौरी थाना क्षेत्र के बेरथ पुल के समीप नहर किनारे से शव बरामद किया गया था। शव बरामद किए जाने के बाद शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी।

इस मामले में जेपी सिंह के पुत्र के बयान पर 23 नामजदों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराई गुई थी। जिसे लेकर कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई थी।

पहले इनौस नेता और फिर माले के टिकट पर बने विधायक, नामांकन के समय ही हुए थे गिरफ्तार

तरारी थाना के कपुरडिहरा गांव निवासी मनोज मंजिल ने इनौसा और फिर भाकपा-माले से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में अगिआंव (सुरक्षित सीट) राजद से टिकट बंटवारे में भाकपा-माले के खाते में गई थी। भाकपा-माले ने इनौस नेता मनोज मंजिल को अपने उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा था।

सात अक्टूबर 2020 को महागठबंधन उम्मीदवार मंजिल के नामांकन को लेकर पीरो में पहले से जाल बिछाया गया था। उस दिन संध्या समय करीब साढ़े पांच बजे भाकपा-माले उम्मीदवार मनोज मंजिल नामांकन करने पहुंचे थे। नामांकन कर निकलते ही पुलिस ने उन्हें अंदर ही गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जमानत पर बाहर आए थे। पवना थाना से जुड़े केस में उस समय गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी वारंट निर्गत था।

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