यूपी में पंचायत कल्याण कोष से आत्महत्या या आपराधिक कृत्य में शामिल पंचायत प्रतिनिधियों के आश्रितों को नहीं मिलेगी सहायता……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों की मृत्यु होने की दशा में उनके आश्रितों को सहायता राशि देने पर स्थिति साफ हो गई है। निर्देश है कि किसी पंचायत प्रतिनिधि अध्यक्ष, प्रमुख, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत सदस्य की मौत, आत्महत्या या आपराधिक कृत्य में शामिल होने के कारण होती है तो ऐसी दशा में उनके आश्रितों को पंचायत कल्याण कोष से सहायता राशि नहीं दी जाएगी।
पंचायत प्रतिनिधियों की मौत पर उनके आश्रितों को सहायता राशि पाने के लिए आवेदन करना होगा। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने निदेशक पंचायती राज व जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है इसमें सरकार की ओर से पंचायत कल्याण कोष की स्थापना व उसे संचालित किए जाने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार ने 16 दिसंबर 2021 को पंचायतों के अधिकार व पंचायत प्रतिनिधियों की मानदेय वृद्धि के संबंध में निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया है कि पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की पद पर बने रहने के दौरान मृत्यु होती है तो उनके परिवार या आश्रितों को आर्थिक सहायता देने के लिए राज्य वित्त आयोग के आवंटित अनुदान से राज्य स्तर पर 50 करोड़ धनराशि का पंचायत कल्याण कोष स्थापित होगा।