अवैध निर्माण पर चल रहा था योगी सरकार का बुलडोजर, तभी पार्षद ने महापौर को मिलाया फोन फिर…
वाराणसी। राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर नगर निगम ने असि नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार को निगम व राजस्व विभाग की टीम अवैध निर्माण तोड़ने सरायनंदन, भदैनी, करौंदी पहुंची थी।
प्रवर्तन दल को विरोध का सामना करना पड़ा। नोकझोंक के बीच प्रवर्तन दल ने चितईपुर, इन्दिरा नगर, सरायनंदन/ रोहित नगर, भदैनी में आठ भवनों को आंशिक रूप से तोड़ा। इसके बाद प्रवर्तन दल ने अवैध निर्माण तोड़ने के लिए भवन स्वामियों को 48 घंटे की मोहलत दे दी।
अपर नगर आयुक्त राजीव कुमार राय के नेतृत्व में टीम सुबह करीब 11.30 चितईपुर पहुंची। आराजी संख्या-17/2 के पास नदी किनारे बने शौचालय को ध्वस्त कर दिया। इंदिरा नगर कालोनी में दो भवनों के प्रथम तल का स्लैब तोड़ना शुरू किया। आनंद सिंह ने स्वयं अवैध निर्माण हटा लिया था और अपनी नई बाउंड्री करा ली थी।
राजीव टंडन के मकान पर भी निगम ने चार फीट तक लाल निशान लगाया था। प्रवर्तन दल ने तोड़ने की जैसे ही कार्रवाई शुरू की कि स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विनीत सिंह समर्थकों संग पहुंच गए। अधिकारी राहत देने के लिए तैयार नहीं थे। काफी देर तक पार्षद प्रतिनिधि व अधिकारियों में बहस होती रही।
विनीत ने फोन से महापौर अशोक कुमार तिवारी की अधिकारियों से बात कराई। मानवता के आधार पर दो दिन की मोहलत देने की बात कही। महापौर से बात होने के बाद अधिकारियों ने अवैध निर्माण हटाने के लिए 48 घंटे की मोहलत दे दी।
दल ने सरायनंदन-रोहित नगर में चार भवनों के अवैध निर्माण तोड़े, एक भवन की बाउंड्री ध्वस्त की। भदैनी क्षेत्र में एक भवन की दीवार तोड़ी। टीम में प्रभारी अधिकारी (राजस्व) अमित शुक्ला, प्रवर्तन दल के प्रभारी कर्नल संदीप मिश्रा आदि थे। राजस्व के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि असि नदी में अवैध निर्माण का सर्वे पूरा नहीं हो सका है। चिह्नांकन की कार्रवाई जारी रहेगी।