दस करोड़ के मुआवजे की हो रही थी मांग, रात करीब 12 बजे डीएम ने कह दी ऐसी बात… सुबह होते ही जला दी गई चिता
महोबा, लखनऊ। पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
घर के सामने लूटपाट में बदमाशों की गोली व मारपीट में जख्मी सर्राफ की हुई मौत की घटना से परिजनों व व्यापारियों में सुरक्षा को लेकर नाराजगी है। व्यवसायी का शव पहुंचने पर परिजनों ने उसे घर के सामने रखवा दिया और अपनी चार मांगों को लेकर अंतिम संस्कार न करने की बात पर अड़ गए।
परिजनों की चार प्रमुख मांगों में दस करोड़ मुआवजा, पत्नी को नौकरी, लूटा माल बरामद करने व आरोपियों का एनकाउंटर हो, शामिल हैं। परिजनों को समझाने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष, सांसद और फिर डीएम-एसपी रात करीब 12 बजे तक वार्ता करते रहे। करीब सात घंटे चली बातचीत के बाद सहमति बनी। इसके बाद दूसरे दिन सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच सुबह सर्राफ अजयकांत सोनी का अंतिम संस्कार किया गया।
डीएम ने कहा- मांगें लिख कर दें
सुरक्षा में तैनात पुलिस-पीएसी ने अंतिम संस्कार को शव ले जाने की बात कही तो परिजनों अपनी चार प्रमुख मांगों के पूरा करने के बाद अंतिम संस्कार होने की बात कही। दिवंगत के भाई पूर्व फौजी हरिकांत सोनी की मांग पर सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश गुप्ता पहुंचे।
रात नौ बजे तक हुई बातचीत में कोई हल नहीं निकला तो करीब साढ़े नौ बजे रात को डीएम मृदुल चौधरी, एसपी अपर्णा गुप्ता पहुंचीं। रात करीब 12 बजे डीएम की ओर से कहा गया कि जो भी मांगे हैं, उन्हें लिखित में दे दें, उन्हें शासन को भेज दिया जाएगा। इस पर परिजनों मान गए।
मालूम हो कि पनवाड़ी कस्बा के अलीपुरा निवासी सर्राफ अजयकांत सोनी कस्बा के चौबे मार्केट में दुकान किए थे। 25 जनवरी को वह बाइक से शाम करीब सवा छह बजे घर लौट रहे थे, घर के सामने बाइक रोकते ही सामने से आए तीन बदमाशों ने हमला कर गिरा दिया और सोने-चांदी से भरा बैग छीन कर भाग गए थे।
गंभीर रूप से जख्मी व्यवसायी के इलाज के दौरान चौथे दिन झांसी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। उनका शव रविवार शाम करीब पांच बजे पनवाड़ी लाया गया तो हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी।
सुबह फिर शव से लिपट गई पत्नी
सुबह जैसे शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाने लगा तो पूरी रात रोते-रोते बेहाल हो चुकी पत्नी मीना, बेटी नंदिनी, बेटा आर्यन फिर पिता के शव से लिपट गए, परिजनों ने किसी तरह शांत कराया।
सोमवार सुबह एक बार फिर डीएम और एसपी परिजनों से मिलने पहुंचे और कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार संपन्न कराया गया। पनवाड़ी थाना निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में आरोपियों की पकड़ के लिए लगातार दबिश दी जा रही ही, कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया था।
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