लड़का राम, लड़की हुई तो सीता पुकारा नाम; श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के दिन मां बनने के सुख को सौभाग्यशाली मान रही महिलाएं
गुरुग्राम। श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन मां बनने के सुख को गर्भवती महिलाएं सौभाग्यशाली माना है। उनका विचार है कि यह दिन ऐतिहासिक है और शायद ही जिंदगी में उन्हें यह दोबारा देखने को मिल पाए। ऐसे में इसी दिन पर अपने बच्चे को विशेष सुख है।
दो गर्भवतियों की गुजारिश पर हुई सिजेरियन डिलीवरी
सिविल अस्पताल में कुल 11 प्रसव हुए इसमें दो सिजेरियन प्रसव गर्भवतियों की सिफारिश पर किए गए। कई गर्भवती महिलाओं ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा उन्होंने बच्चों का नाम भी भगवान के नाम पर रखे हैं।
जिसे लड़का पैदा हुआ उसे राम और जिसे लड़की उसे जानकी (सीता) नाम से पुकारा गया। ऐसे कई मामले निजी अस्पतालों में भी देखने को मिले। स्वजनों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
राममय नजर आए अस्पताल
इस दिन पर डिलीवरी कराने के लिए कई गर्भवती महिलाओं ने निजी व सरकारी अस्पताल में पहले से ही डिलीवरी की बुकिंग करा रखी थी। जिले में छोटे-बड़े 41 सरकारी और 100 से ज्यादा निजी अस्पतालों का संचालन हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अस्पताल भी राममय दिखाई दिए।
कुछ अस्पताल तो भगवा रंग में रंगे नजर आए। मरीजों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। श्रीराम प्राण-प्रतिष्ठा का दिन अत्यंत शुभ है। इसलिए हर किसी की इच्छा थी कि उनके घर आने वाला मेहमान भी इस शुभ घड़ी में ही दुनिया में आए।
स्वजनों ने बताया कि इस दिन जन्मा बच्चा अत्यंत सौभाग्यशाली है। उनमें श्रीराम जैसा ही प्रतापी और विराट व्यक्तित्व के गुण उसमें जन्मजात होंगे।
निजी अस्पतालों में भी हुआ सिजेरियन प्रसव
निजी अस्पतालों में गर्भवतियों और उनके परिवारवालों की गुजारिश को डॉक्टरों ने स्वीकार किया। जिन गर्भवतियों को 23 से 25 जनवरी तक की डिलीवरी की तारीख दी गई थी, उस सभी गर्भवतियों की डिलीवरी सिजेरियन कराई गई। डॉक्टरों के मुताबिक सभी जच्चा-बच्चा दुरुस्त हैं।
केस-1 बसई निवासी 32 वर्षीय गर्भवती का नौंवा महीना चल रहा है। डॉक्टर ने 25 तारीख डिलीवरी की दी थी।अब महिला की इच्छा है कि वह 22 जनवरी को ही बच्चे को जन्म दे।उनके आग्रह पर सिजेरियन डिलीवरी होगी। गर्भवती ने स्वजनों से सलाह कर नवजात का नाम भी तय कर लिया है।
केस-2 प्रेम नगर की 30 साल की गर्भवती की दूसरी बार मां बनने जा रही हैं। पहले बच्चे के दौरान सिजेरियन डिलीवरी हुई थी, ऐसे में उन्होंने 22 को सिजेरियन डिलीवरी कराने का निर्णय लिया है।
उसका मानना है कि जब दूसरी बार सिजेरियन डिलीवरी होनी ही है तो क्यों 22 तारीख को कराई जाए। इसके लिए महिला ही नहीं बल्कि उनके पति व अन्य सदस्य बार-बार आग्रह किया।
सोमवार को कुल 11 प्रसव हुए इसमें दो सिजेरियन डिलीवरी गर्भवतियों और उनके स्वजनों की सिफारिश पर की गई। सभी जच्चा-बच्चा दुरुस्त हैं।
– मनीष राठी, प्रबंधक, सिविल अस्पताल