Friday, May 3, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

आ गया नया नियम, गाय-भैंस रखने के लिए लेना होगा लाइसेंस; हर साल नवीनीकरण कराना भी जरूरी

गोरखपुर। नगर निगम क्षेत्र में दो या उससे अधिक गाय-भैंस रखने वाले सभी लोगों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा। गाय के लिए 500 रुपये और भैंस के लिए एक हजार रुपये लाइसेंस शुल्क जमा होगा। हर साल नवीनीकरण कराना होगा। शासन की ओर से डेयरी को लेकर तैयार उपविधि को नगर निगम बोर्ड ने गत दिनों अपनी मंजूरी दे दी है। जल्द ही गजट प्रकाशन हो जाने की उम्मीद है, जिसके बाद निगम प्रशासन सख्ती शुरू कर देगा।

अभी नगर निगम में प्रविधान नहीं होने की वजह से प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अधिकारी मौखिक जुर्माने की बात कहते थे, मगर कागजों तक यह कार्रवाई नहीं पहुंच पाती थी। नियमावली के अनुपालन के लिए नगर आयुक्त, लाइसेंस प्राधिकारी एवं निरीक्षण प्राधिकारी की नियुक्ति करेंगे। निगम प्रशासन के मुताबिक अब दो या दो से अधिक गाय व भैंस पालने वालों को वार्षिक लाइसेंस लेना होगा। इसकी अवधि एक अप्रैल से उस वित्तीय वर्ष तक के लिए होगी।

लाइसेंस के लिए क्या जरूरी?

लाइसेंस के लिए जरूरी है कि पशुपालक पशुओं को स्वस्थ दशा व स्वच्छ स्थान पर रखें। निरीक्षण के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। प्रत्येक पशु के लिए आठ वर्ग मीटर का हवादार स्थल, ठंड, धूप और बारिश से बचाव के साथ खाने-पीने के लिए उचित इंतजाम जरूरी किए गए हैं। गोबर समेत अन्य कचरा, पशुशाला से कम से कम सात मीटर दूर रखनी होगी। डेयरी की फर्श भी पक्की होनी चाहिए।

पशुपालक अप्रैल माह में लाइसेंस नहीं लेता तो उसे लाइसेंस शुल्क के अलावा पहले महीने के लिए 100 रुपये और उसके बाद के महीनों के लिए 50 रुपये प्रतिमाह विलंब शुल्क देना होगा। नियमों की अनदेखी पर पहली बार अवैध डेयरी संचालक पर एक हजार रुपये और दूसरी बार दो हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अवैध डेयरी पर अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा।

लाइसेंस के लिए मिलेगा टोकन

लाइसेंस लेने पर पशुपालक को निगम की ओर से टोकन मिलेगा, जिसे पशु की गर्दन में ऐसे बांधना होगा ताकि वह साफ तौर पर दिखाई दे। टोकन से गाय व भैंस के मालिक की पहचान हो सकेगी।

गली, सड़क, पार्क में खुले नहीं छोड़ सकेंगे गाय-भैंस

नियमावली के मुताबिक कोई भी पशुपालक, सार्वजनिक स्थानों जैसे गली, सड़क, पार्क के आसपास गाय-भैंस को खुले में नहीं छोड़ सकेगा। पशुओें के परिवहन की अनुमति लेनी होगी। लोकहित में पशुओं को निगम सीमा के भीतर रखने के लिए नगर आयुक्त से अनुमति लेनी होगी। कचरा व गोबर हटाने में निगम सहयोग करेगा, लेकिन इसके लिए पशुपालकों को नियमानुसार भुगतान करना होगा।

डेयरी के लिए बनी उपविधि-2023 को नगर निगम सदन की स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही गजट नोटिफिकेशन हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद डेयरी व पशु पालने वालों की निगरानी तेज कर देगा। नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।  – गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

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