Sunday, April 28, 2024
बिहार

पिता के दोस्त ने स्कूल से बच्ची के अपहरण का किया प्रयास, इस वजह से लड़की को उठाना चाहता था आरोपी

 पटना। Patna Crime News: पिता से दोस्ती का हवाला देकर नेहरू मार्ग स्थित एक स्कूल से केजी की छह साल की छात्रा के अपहरण का प्रयास विफल हो गया। आरोपित उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में विजय नगर पुष्प निवास आदर्श कालोनी गली नंबर 10 के निवासी ललित सिंह को लोगों ने पकड़कर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। ललित का दूसरा ठिकाना उत्तराखंड के बागेश्वरी जिला के बागेश्वर में है।

वह अकाउंटेंट का काम भी करता था। शुक्रवार को स्कूल में छुट्टी होने पर आरोपित ने बच्ची को अपने साथ लेने का प्रयास किया तो उसने जाने से इनकार कर दिया। शिक्षक ने उसके स्वजन को फोन पर सूचना दी, जिसके कारण बड़ी घटना टल गई।

मुकदमा वापस लेने के लिए बच्ची का अपहरण करना चाहता था आरोपी

डीएसपी ला एंड आर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित बच्ची के पिता के साथ काम कर चुका है। वह उन्हें ट्रेडिंग में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर करीब 43 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में फरार चल रहा था। अगमकुआं थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है। उसने मुकदमा वापस लेने के लिए बच्ची के अपहरण की साजिश की थी।

उसके मोबाइल की जांच में पता चला कि उसने संबंधित स्कूल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया था। उसने इंटरनेट पर बच्चों को लेकर आपत्तिजनक साइट भी सर्च किए हैं। उसके पास से बरामद आधार कार्ड और कई अन्य दस्तावेज मिले हैं, जिसमें अलग-अलग पते दर्ज हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है। जानकारी मिली है कि वह गाजियाबाद, नेपाल, पटना और गोरखपुर में भी कई लोगों के रुपये लेकर भागा हुआ है।

विश्वास में लेने के बाद करीबियों से की ठगी

बच्ची के पिता से ललित वर्ष 2015 में पटना में मिला था। बीते वर्ष अप्रैल में ललित ने बच्ची के पिता को फोन किया। बताया कि जाब नहीं होने से वह परेशान है तो उन्होंने उसे पटना बुलाया। होटल में ठहराया। उसको एक निजी कंपनी में अकाउंट के काम में लगवा दिया।

कुछ दिनों में विश्वास बढ़ा और बच्ची के पिता ने उसे अपने घर के एक कमरे में रहने को जगह दे दी। इसी बीच, ललित उनके परिचितों के भी संपर्क में आ गया। उसने उन लोगों को रुपये डबल करने की योजना बताई और उनसे करीब 43 लाख रुपये बच्ची के पिता के माध्यम से ले लिया। विश्वास दिलाने के लिए उसी रकम से कुछ रुपये उन लोगों को वापस कर दिए। इसके बाद बच्ची के पिता को बताया कि वह उनकी कार से नवादा जा रहा है, लेकिन नेपाल फरार हो गया।

नवादा से जब वह वापस नहीं आया तो बच्ची के पिता को संदेह हुआ। जो लोग रुपये दिए थे, वे भी फोन करने लगे, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। फिर उसके ई-मेल के जरिए लोकेशन पता किया, जो काठमांडू का मिला। जिनसे वह रुपये लेकर भागा था, वे लोग काठमांडू स्थित उस होटल तक पहुंच गए, जहां वह ठहरा था। लेकिन, तबतक वह वहां से पटना आ चुका था।

काठमांडू के होटल में पी गया 40 हजार की शराब

काठमांडू के जिस होटल में वह ठहरा था, वहां के कमरे की चाबी और बिल का भुगतान किए बिना ही फरार हो गया था। वहां उसने 40 हजार रुपये की शराब पी थी। पुलिस के अनुसार, ललित छह माह तक बच्ची के पिता के घर में रहा था।

वह लोगों से रुपये की ठगी करने के बाद दूसरी जगह चला जाता था। स्थान बदलने के साथ ही पता भी बदल देता था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में होटल में ठहरने के क्रम में होटलकर्मी से दोस्ती कर ली थी। उसे विश्वास में लेकर वहीं के बिजली बिल के नाम पर पता बदल लिया था। उसी के जरिए बैंक में खाता भी खुलवाया था।

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