चकिया में यहां मनाया गया पूर्व प्रधानमंत्री का 121 वां जन्मदिवस, इस मौके पर पूर्व विधायक ने कहा पीएम पद से इस्तीफा देने वाले व आजादी के दीवानों के वंशज थे पूर्व प्रधानमंत्री……… किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की थी शुरुआत……
पीएम पद से इस्तीफा देने वाले व आजादी के दीवानों के वंशज थे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह-पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एडवोकेट
शिकारगंज स्थित चौधरी चरण सिंह इंटर कालेज में मनाया गया चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन
-राम आशीष भारती
चकिया, चंदौली। स्थानीय विकास खंड अंतर्गत शिकारगंज स्थित चौधरी चरण सिंह इंटर कालेज में शनिवार को पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एडवोकेट के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का 121वां जन्मदिन किसान दिवस के रूप में मनाया गया। इसके साथ ही विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने किसानों के लिए किए उनके योगदान पर प्रकाश डाला। पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एडवोकेट व नि. प्रदेश सविच मुस्ताक अहमद खां सहित अन्य पदाधिकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एडवोकेट ने कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने किसान हितों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके दिखाए रास्ते पर चलने का हम संकल्प लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में इस दिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था। जिन्होंने किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। यह भी कहा कि पीएम पद से इस्तीफा देने वाले व आजादी के दीवानों के वंशज थे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह।
वहीं नि. प्रदेश सचिव मुस्ताक अहमद खां ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए जमींदारी और उनमुलन के साथ ही समाज के हर वर्ग को एक साथ लेकर चलने का काम किया। किसानों के मसीहा के रूप में तो उन्हें सब जानते हैं पर देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से जुड़े किस्से इतने दिलचस्प हैं कि किसी को उनसे प्रेरणा मिलती है तो कोई उनके स्वाभिमान को जिद और जुनून मान बैठता है। देश की आजादी की लड़ाई हो या इंदिरा गांधी के आपातकाल के खिलाफ आंदोलन, दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चौधरी चरण सिंह ऐसे प्रधानमंत्री थे। जिन्होंने एक भी दिन संसद का सामना नहीं किया। इससे पहले ही कुछ ऐसे हालात बन गए कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
इस दौरान नि. प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी उत्तर प्रदेश मुश्ताक अहमद खान, अमित सोनकर, राम लाल यादव, कमलेश पति कुशवाहा, बब्बन यादव, राम कृष्ण देवगौड़ा, सुदामा यादव, राम कृत एडवोकेट, विनोद यादव, उदय नाथ यादव, इन्द्रजीत यादव, हनुमान यादव, महेन्द्र राव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।