महिला सिपाही की हत्या के आरोप में तहसीलदार पत्नी समेत गिरफ्तार, फेसबुक पर हुई थी दोस्ती
लखनऊ, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला आरक्षी रुचि सिंह की हत्या के आरोप में पुलिस ने प्रतापगढ़ की रानीगंज तहसील में तैनात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, उसकी पत्नी व एक दोस्त को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। रचि का शव बृहस्पतिवार को राजधानी के पीजीआई के माती इलाके में मिला था। उसके भाई की तहरीर पर पीजीआई थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया था।
डीसीपी पूर्वी अमित आनंद के ने बताया कि महिला सिपाही की मौत सिर पर भारी सामान से वार करने से हुई थी। जांच में यह सामने आया है कि महिला आरक्षी व तहसीलदार के बीच करीब पांच साल पहले फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई थी। धीरे-धीरे दोनों करीब आ गए। पति को तलाक देने के बाद महिला सिपाही तहसीलदार पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी। इससे आजिज आकर पद्मेश ने यह साजिश रची। उसने रुचि को फोन कर पीजीआई अस्पताल के पास बुलाया। पद्मेश व उसके दोस्त नामवर ने उसे खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया जिससे वह बेहोश हो गई। तब आरोपियों ने गला दबाकर उसकी जान ले ली थी। इसके बाद 12 फरवरी की रात को शव माती नाले में फेंककर भाग निकले थे।
दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा महिला सिपाही ने लिया था तलाक
पीजीआई के माती इलाके में नाले में जिस महिला सिपाही रुचि सिंह का शव बृहस्पतिवार को मिला था, उसने पति पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराकर तलाक लिया था। डीसीपी पूर्वी अमित आनंद के मुताबिक, रुचि की शादी जून 2019 में कांस्टेबल नीरज के साथ हुई थी। दिसंबर 2019 में रुचि भी बतौर सिपाही भर्ती हो गई। लेकिन इसके पहले से ही प्रयागराज के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। नौकरी पाने के बाद रुचि ने अपने पुराने प्रेम को उजागर कर दिया।
इसके पहले उसने पति नीरज के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया। इसके बाद पद्मेश के कहने पर तलाक का केस कर दिया। कुछ माह बाद ही दोनों का तलाक हो गया। आरोप है कि तलाक भी तहसीलदार ने ही कराया था। नजदीकियां बढ़ने के बाद रुचि, पद्मेश पर शादी का दबाव बनाने लगी। दबाव बढ़ने पर पद्मेश ने रुचि को बताया कि वह शादीशुदा है। इसके बाद से दोनों में विवाद शुरू हो गया था। रुचि हर हाल में पद्मेश से शादी करना चाहती थी। अक्सर दोनों का मोबाइल पर झगड़ा होता था। पद्मेश ने पत्नी प्रगति को पूरी बात बता दी थी। बार-बार कॉल आने से पद्मेश परेशान था। उसका पत्नी से भी आए दिन विवाद होने लगा था। वारदात से कुछ दिन पहले रुचि ने पद्मेश को कॉल की थी जिसे प्रगति ने उठाया था। प्रगति ने रुचि से बात की थी। इस दौरान मोबाइल पर दोनों में जमकर कहासुनी हो गई। इसके बाद पद्मेश ने रुचि की हत्या की साजिश रच डाली। इसके लिए उसने अपने परिचित नामवर सिंह को साजिश में शामिल किया।
रुचि के शव की शिनाख्त के बाद से पुलिस उसकी कॉल डिटेल के जरिए हत्यारे की तलाश कर रही थी। रुचि ने आखिर कॉल प्रतापगढ़ रानीगंज के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव के मोबाइल नंबर पर की थी। रुचि की आखिरी लोकेशन पीजीआई इलाके में मिली थी जिसके बाद से उसका मोबाइल बंद हो गया था। कॉल डिटेल के आधार पर पीजीआई पुलिस रविवार देर रात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव तक पहुंच गई। उससे पूछताछ में सामने आ गया कि महिला सिपाही की एक साल पहले फेसबुक के जरिए पद्मेश से दोस्ती हुई थी।
उनकी पहली मुलाकात एक जमीन के मामले में हुई। दोस्ती बाद में प्रेम में बदल गई। हालांकि दोनों पहले से ही शादीशुदा थे। महिला सिपाही के भाई की तहरीर पर पीजीआई पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, उनकी पत्नी प्रगति व उनके सहयोगी नामवर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक,महिला सिपाही की मौत सिर पर भारी सामान से वार करने से हुई थी। पोस्टमार्टम के दौरान वीडियो व फोटोग्राफी कराई गई है। वहीं स्लाइड व स्वॉव बनाया गया है। जांच के लिए बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है।