Sunday, April 28, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

दुल्हन की मौत के बाद दूल्हे ने साली से रचाई शादी, एक साथ उठी डोली और अर्थी…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

इटावा। नियति का अन्याय देखिए वरमाला के समय जो हाथ परिवार की बड़ी बेटी को आशीर्वाद देने के लिए उठ रहे थे। फेरों के बाद उन्हीं हाथों से दुल्हन की अर्थी काे सजाया गया। किसी परिवार के लिए इससे अधिक कष्टप्रद और क्या होगा नियति के इस सितम को जिसने भी महसूस किया उसकी आंखें भर आईं। गले में वरमाला पहने दूल्हे के लिए भी यह किसी हादसे से कम न था। मंगलगीत की आवाजें अचानक करुण क्रंदन में कैसे परिवर्तित हो गईं जानिए।

ये है पूरा मामला समसपुरा निवासी स्व. रमापति की बड़ी बेटी सुरभि का विवाह इटावा जनपद के ग्राम नावली निवासी मंजेश कुमार के साथ तय हुई थी। बरात निर्धारित समय पर ग्राम समसपुरा स्थित जनवासे में पहुंची। जहां पर घरातियों द्वारा बरातियों का आदर सत्कार के साथ स्वागत सम्मान किया गया। भोज के उपरांत वरमाला का कार्यक्रम हुआ। परिवार के महिलाएं मंगलगीत गा रही थीं और साथ ही समस्त परिवार बड़ी बेटी को शतायु और सुहागन रहने का आशीर्वाद दे रहा था। भोर हुई तो फेरों की तैयारी होने लगी। मांग भराई की रस्म के बाद जैसे ही फेरों की घड़ी आई तभी अचानक सुरभि की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। बेटी काे अचेत अवस्था में जमीन पर पड़ा देख वर. वधू पक्ष घबरा गए। आनन.फानन में दुल्हन को उसके भाई.बहन और अन्य रिश्तेदार उपचार के लिए पास के ही अस्पताल ले गए। जहां पर डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुल्हन की मौत की खबर सुनकर वर पक्ष में एक सन्नाटा खिंच गया।

दूल्हे ने साली के साथ रचाई शादी वास्तव में यह मंजर बहुत दुखद था लेकिन वृद्धजनों द्वारा चिंता व्यक्त करने के बाद दोनों पक्षों में दूल्हे की शादी सुरभि की छोटी बहन से करवा दिए जाने की सहमति बनी। बड़ी बहन की शादी में उत्साहित उसकी छोटी बहन निशा के लिए यह थोड़ा अजीब था लेकिन स्वजन के द्वारा मनाए जाने पर उसने भी हां कर दी। इसके बाद सभी रस्मों को पूरा करते हुए दोनों का विवाह संपन्न हुआ।

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