यानी दुनिया मुट्ठी में लेकिन हमारे बच्चों के लिए बन गया है यह दुश्मन, पढ़िए ये खास रिपोर्ट…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। आधुनिक युग में मोबाइल के चलते दुनिया आपकी मुट्ठी में जरूर हो गई है लेकिन, यह बच्चों का दुश्मन बन बैठा है। बच्चे तेजी से मनोरोगी हो रहे हैं और अभिभावक कुछ नहीं कर पा रहे हैं। मनोरोग चिकित्सकों के पास आ रहे मामलों से स्थिति काफी भयावह हो गई है। डाक्टरों का कहना है, अब भी समय है, सावधान हो जाएं।
चिड़चिड़े हो रहे हैं बाल गोपाल
अधिकांश घरों में बच्चे यानी बाल गोपाल मोबाइल हाथ में लिए बिना खाना नहीं खाते। न मिलने पर चिड़चिड़े हो रहे हैं। इससे भोजन से मिलने वाले प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट का पाचन तंत्र से तालमेल नहीं बैठ पाता जिससे शरीरिक विकास अपेक्षा के अनुरूप नहीं होता।
आप बदलें व्यवहार,होगा सुधार
बच्चों से मोबाइल फोन को दूर करने के लिए अभिभावकों को भी सावधान होना होगा। जरूरत भर के लिए ही मोबाइल फोन का बच्चों के सामने उपयोग करें। रात में उन्हें दिन भर की गतिविधियों में बातों के जरिए उलझाएं और साथ बैठकर खाना खिलाएं तो आदत छूट सकती है।