मां दरवाजा पीटती रही, बेटी फांसी के फंदे पर झूली, युवक ने फांसी लगाकर दी जान……
लखनऊ। काकोरी के गोहरामऊ गांव में मां कमरे का दरवाजा खटखटाती रही और भीतर 14 साल की बेटी ने फांसी लगा ली। किसी तरह जब दरवाजा तोड़कर परिजन भीतर गए तो उसकी मौत हो चुकी थी। न तो कोई सुसाइड नोट मिला और न ही परिजन कुछ बता सके। ऐसे में खुदकुशी की वजह साफ नहीं हो सकी।
गांव निवासी आलोक यादव गैस एजेंसी में डिलीवरी मैन हैं। रविवार को वह काम पर गए थे। घर में पत्नी स्नेहलता, तीनों बेटियां व एक बेटा था। शाम को बड़ी बेटी पलक ने अचानक कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। स्नेहलता को कुछ आशंका हुई। वह बेटी को पुकारते हुए दरवाजा खटखटाती रहीं। मगर पलक ने दरवाजा नहीं खोला। कुछ मिनट में भीतर पूरी तरह से सन्नाटा छा गया।
स्नेहलता ने पति व अन्य लोगों को जानकारी दी। लोगों ने दरवाजा तोड़ा तो भीतर पलक फांसी के फंदे पर लटकी मिली। उसे फंदे से उतारा गया मगर तब तक मौत हो चुकी थी। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है। किसी तरह का कोई आरोप नहीं है। खुदकुशी की वजह साफ नहीं हो सकी है।
सब ठीक था, क्या हुआ नहीं पता
पलक के खुदकुशी करने से परिजन स्तब्ध हैं। वह ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। ये जरूर बताया कि चार दिन पहले ही पूरा परिवार पूर्णागिरि दर्शन करके लौटा है। पलक पढ़ाई में भी ठीक थी। सबकुछ अच्छा था। समझ नहीं आ रहा कि आखिर किस बात पर उसने ये कदम उठा लिया। एडीसीपी का कहना है कि अगर परिजन प्रार्थनापत्र देंगे तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
उधर लखनऊ में कृष्णानगर के जाफरखेड़ा निवासी सत्यम 22 वर्ष बढ़ई थे। भाई रिंकू के मुताबिक रविवार देर रात वह लघुशंका के लिए उठे तो देखा कि घर के दूसरे तल पर सत्यम के कमरे में लाइट जल रही है। वह कमरे में पहुंचे तो देखा कि सत्यम फांसी के फंदे पर लटके हैं। परिवार के लोगों की मदद से सत्यम को फंदे से उतारकर लोकबंधु अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक सत्यम शराब पीकर रोजाना विवाद करते थे।