पिता के उड़े होश, बम बताकर बच्चे ने बुलाई पुलिस, बोला. अंकल आ गए….
गोरखपुर। उम्र करीब सात साल। यू.ट्यूब पर वीडियो देखा कि बम की सूचना पर पुलिस नहीं आई और फिर घटना हो गई। बच्चे के मन में अचानक सतर्कता का ख्याल आ गया। उसने डायल 112 पर फोन किया और बोला कि गोरखपुर में बम है….। क्योंकि यू.ट्यूब से तरीका सीखा था। इस वजह से टिफिन में बम की सूचना पर पुलिस जांच में जुट गई। चंद मिनटों में पादरी बाजार चौकी इंचार्ज विशाल उपाध्याय लोकेशन के आधार पर घर पहुंच गए। पुलिस को देखकर बच्चा खूब उछला और बोला .अंकल आ गए….। लेकिन पिता के होश उड़ गए।
जब पूरा माजरा पुलिस ने समझा तो राहत की सांस ली। पिता ने बेटे को उसकी हरकत के लिए डांटना शुरू किया तो पुलिस ने रोका और बच्चे को समझाया कि पुलिस को ऐसे ही फोन नहीं करना चाहिए। जानकारी के मुताबिक, शाहपुर इलाके से डायल 112 पर दोपहर में 1ः30 बजे बम की सूचना आई। पुलिस तत्काल हरकत में आ गई और लोकेशन पर पहुंच गई।
शाहपुर के मोहनापुर में पुलिस पहुंची और कक्षा तीन में पढ़ने वाले बच्चे को देखा तो राहत की सांस ली। परिजन के सामने जब बच्चे से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मंगलवार को उसने यू.ट्यूब पर एक वीडियो देखा था। जिसमे बम होने की सूचना पुलिस को दी जाती है। इसके बाद पुलिस पहुंचने में देरी कर देती है और घटना हो जाती है।
इस वजह से उसने पुलिस को सूचना दी है। पुलिस मौके पर भी पहुंची तो बच्चा खुश हो गया। लेकिन उसकी इस हरकत की वजह से पुलिस को कितना परेशान होना पड़ा यह भी उसे बताया गया। पुलिस वालों ने बताया कि जरूरत हो तो ही मिलाना चाहिए। ऐसे गलती पर सजा मिल जाती है। इसके बाद बच्चा थोड़ा डरा भी था, लेकिन पुलिस ने समझाया और फिर लौट आई। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पुलिस की जांच में बम नहीं मिला। बच्चे को समझाया गया कि गलत जानकारी के लिए फोन न करे।
पुलिस देखकर डरे पिता पहले तो बेटे को डांटने लगे, लेकिन बाद में बेटे को समझाया भी। पिता बताते हैं, वह घर पर आकर सो रहे थे। इसी दौरान वह मोबाइल पा गया और फिर उसने पुलिस को सूचना दे दी। बेटा काफी चंचल है, इस वजह से उसे समझाया हूं। उसे यह भी बताया हूं कि पुलिस मदद के लिए होती है, परेशान करने के लिए नहीं।
एक्सपार्ट कमेंट
सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज की मनोविज्ञान डॉ. श्वेता जॉनसन ने कहा कि बहुत अधिक डिजिटल मीडिया, स्क्रीन टाइम बच्चे के मानसिक स्तर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। बच्चे जो देखते हैं, उसी पर पूरी तरह से विश्वास कर लेते हैं। उन्हें स्क्रीन पर दिखाई देने वाली दुनिया ही असली दुनिया लगती है। कई बार यू.ट्यूब या सोशल मीडिया असुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देते हैं। कई बार बच्चे अपनी पर्सनल सूचना भी बिना सोचे समझे ही सोशल मीडिया पर अपडेट कर देते है। ऐसे में माता पिता को सावधान रहने की जरूरत है।